उज्जैन ।  केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में 68 कर्मचारियों के भविष्य निधि खातों से 13.50 करोड़ रुपये के गबन के मामले में पुलिस ने एक संदिग्ध जगदीश परमार को हिरासत में लिया है। जगदीश को पुलिस ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता के दौरान हिरासत में लिया। आरोप है कि गबन के रुपये से उसने 44 लाख रुपये की कार, मकान व संपत्ति खरीदी थी, वहीं जेल अधीक्षक उषा राज व मुख्य आरोपित रिपुदमन के घरों की तलाशी के लिए टीम वाराणसी, इंदौर व सागर रवाना की है। दोनों आठ अप्रैल तक रिमांड पर है।

मंगलवार को संदिग्ध आरोपित जगदीश परमार ने इंटरनेट मीडिया पर पहले खुद के बेगुनाह होने का वीडियो पोस्ट किया था। इसमें उसका कहना था कि जेल अधीक्षक उषा राज ने उसके नाम से 44 लाख रुपये की कार बुक करवाई थी। उसे जानकारी नहीं थी कि यह रुपये गबन कांड के हैं। हालांकि फाइनेंस नहीं होने के कारण जेल अधीक्षक ने जेल कर्मचारी को भेजकर कार बुक करवाने के रुपये वापस मंगवा लिए थे। इसके बाद मीडिया के सामने पत्रकार वार्ता कर परमार ने गबन कांड के करोड़ों रुपये बिल्डरों, कालोनाइजर, पान-मसाला कारोबारी, होटल कारोबारी, सराफा करोबारी, टेंट हाउस संचालकों के पास होने के आरोप लगाए। मीडिया से चर्चा के बाद जगदीश परमार को माधवनगर थाने की पुलिस ने हिरासत में लिया है। टीआइ मनीष लोधा ने बताया कि मामले में जांच जारी है और पूछताछ के लिए जगदीश परमार को हिरासत में लिया गया है।

आठ अप्रैल तक रिमांड पर

गबन के मामले में जेल अधीक्षक उषा राज, सहायक लेखा अधिकारी रिपुदमनसिंह आठ अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर है। सोमवार को जेल डीजी अरविंद कुमार ने जेल अधीक्षक उषा राज को निलंबित कर दिया है। मुख्य आरोपित रिपुदमन ने निकास चौराहा निवासी हरीश गेहलोत, देवास निवासी रोहित चौरसिया तथा एमआर 5 रोड निवासी सुशील परमार के बैंक खातों में रुपये जमा करवाए थे। तीनों 31 मार्च तक पुलिस रिमांड पर है। मामले में पुलिस जेल प्रहरी शैलेंद्रसिंह सिकरवार, धर्मेंद्र लोधी तथा तीन सटोरियों ललित परमार, मंगेश व अमित मीणा की तलाश में जुटी है।