भोपाल. भोपाल के रानी कमलापति रेलवे स्टेशन (Rani Kamlapati Railway Station) के बाद अब भोपाल का मुख्य स्टेशन (Bhopal Station) भी आधुनिक सुविधाओं से लेस होगा. काम तेजी से चल रहा है जिसके जल्द पूरा होने की उम्मीद है. यहां भी आधुनिक यात्री सुविधाएं बढ़ायी जाएंगी.राजधानी के सबसे पुराने भोपाल रेलवे स्टेशन पर तेजी से विकास काम चल रहे हैं. यानी अब कमलापति रेलवे स्टेशन के बाद भोपाल रेलवे स्टेशन भी सबसे ज्यादा हाईटेक होने जा रहा है. रेलवे प्रशासन ने विकास और यात्री सुविधाएं बढ़ाने के लिए तेजी से काम करना शुरू कर दिया है.

आम दिनों में 25 और त्योहार में 50 हजार यात्री आते-जाते हैं
कोरोना लहर में भोपाल रेलवे स्टेशन का काम ठप्प पड़ गया था. लेकिन अब फिर से इस काम में तेजी आई है. स्टेशन के विकास के लिए पर्याप्त बजट भी रेलवे ने दिया है. कमलापति रेलवे स्टेशन के बाद आप रेलवे प्रशासन का पूरा फोकस भोपाल रेलवे स्टेशन के विकास कार्यों पर है. रेलवे स्टेशन पर भी कमलापति रेलवे स्टेशन की तरह सभी तरह की यात्री सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है. भोपाल रेलवे स्टेशन से एक दिन में कुल 132 ट्रेनें गुजरती-ठहरती औऱ शुरू होती हैं. औसतन 25 हजार यात्री सामान्य दिनों में यहां से ट्रेनों में चढ़ते-उतरते हैं. औसतन 50 हजार यात्री त्योहार और अवकाश के दिनों में स्टेशन से होकर गुजरते हैं. यहां छह प्‍लेटफार्म हैं जबकि हाल ही में तैयार किये गए रानी कमलापति स्टेशन पर पांच प्लेटफार्म ही हैं.

स्टेशन पर किड्स जोन
भोपाल स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर छह की तरफ मुख्य भवन बनकर तैयार है. इसे भी शुरू कर दिया गया है. इसमें टिकट काउंटर हैं. बाकी का पूरा भवन खाली है. इसमें बजट होटल, रेस्टोरेंट, स्टॉल, किड्स जोन की सुविधा दी जानी है. प्लेटफॉर्म नंबर एक की तरफ भी मुख्य भवन बनाया जा रहा है. यह काम तीन चरणों में पूरा किया जाएगा. पहले चरण में एक भवन बना दिया है. अब इसका विस्तार किया जाना है. यहां किड्स जोन भी बनाया जाएगा.

ड्रॉप एंड गो लेन
प्लेटफॉर्म नंबर एक की तरफ पांच लेन वाली ड्रॉप एंड गो लेन बनाई जानी है. पहले दो चरणों में स्टेशन के भवन बनाए जाएंगे. उसके बाद ड्रॉप एंड गो लेन को पूरा किया जाएगा. नए फुट ओवरब्रिज को प्लेटफॉर्म-एक और छह की तरफ मुख्य भवनों से जोड़ा जाएगा ताकि यात्री सीधे इन भवनों तक पहुंच सकें. ब्रिज तो पहले से चालू है लेकिन नये बने दोनों भवनों को अभी तक ब्रिज से नहीं जोड़ा गया है.

बीमार, बुजुर्ग और दिव्यांग यात्रियों  का ध्यान
स्टेशन परिसर में जो लिफ्ट लगाई हैं वो चौबीसों घंटे चालू रहेंगी. अभी ज्यादातर समय लिफ्ट बंद रहती हैं. यात्री परेशान होते हैं. सीढ़िया और रैंप से आना-जाना पड़ता है. बीमार, बुजुर्ग और दिव्यांग यात्रियों के लिए यह काफी मुश्किल भरा साबित हो रहा है.