महाराजा के नाम से मशहूर सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया इस हफ्ते के अंत तक टाटा ग्रुप को सौंप दी जाएगी। वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। हालांकि योजना के मुताबिक यह काम 31 दिसंबर 2021 तक हो जाना चाहिए था। सरकार ने बीते साल 8 अक्टूबर को एयर इंडिया को 18 हजार करोड़ रुपए में टैलेस प्राइवेट लिमिटेड के हाथों बेचने का फैसला किया था। यह टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा सन्स की सब्सिडियरी फर्म है। इसके बाद 25 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने टाटा ग्रुप के साथ एयर इंडिया की 100% शेयर बिक्री का करार (एसपीए) किया था।

इस डील को लेकर बाकी औपचारिकताएं अगले कुछ दिनों में पूरी होने की संभावना है। डील के तहत टाटा ग्रुप को एयर इंडिया एक्सप्रेस भी हैंडओवर की जाएगी और कंपनी की ग्राउंड हैंडलिंग यूनिट एयर इंडिया एसएटीएस की 50% हिस्सेदारी भी ट्रांसफर की जाएगी। साल 2003-04 के बाद यह किसी सरकारी कंपनी के निजीकरण का पहला मामला है। एयर इंडिया अब टाटा ग्रुप का तीसरा एयरलाइन ब्रांड होगा।

कंपनी के हैंडओवर में इन तीन प्रमुख वजहों से हुई देरी

1. एयर इंडिया की बैलेंस शीट फाइनल करने में उम्मीद से ज्यादा समय लगा।
2. वैश्विक नियामकों से डील के लिए सभी जरूरी मंजूरियां लेने में देरी हुई।
3. सरकारी विभागों, मंत्रालयों से 278 करोड़ की बकाया वसूली में समय लगा।