छत्तीसगढ़ के भानुप्रतापपुर उपचुनाव में आदिवासी आरक्षण का मुद्दा गरम है। ऐसे में अब एक वीडियो वायरल हुआ है। इसमें आदिवासियों को सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी को जिताने की शपथ लेते दिखाया गया है। साथ ही अन्य राजनीतिक दलों का समर्थन नहीं करने की भी शपथ दिलाई गई है। ऐसा नहीं करने पर सामाजिक कार्यवाही की भी बता कही है। वीडियो वायरल होने से हंगामा मच गया है। वीडियो वायरल होने बाद एसडीएम ने नोटिस जारी किया है। 

दरअसल, सर्व आदिवासी समाज आरक्षण मामले में लगातार आंदोलनरत है। इसी के तहत एक वीडियो वायरल हुआ है। इसे दुर्गकोंदल के गोंड़ समाज भवन का बताया जा रहा है। इसमें बूढ़ादेव, मां दंतेश्वरी, मां शीतला को साक्षी मानकर शपथ दिलाई जा रही है कि वे किसी राजनीतिक पार्टी का समर्थन नहीं करेंगे। समाज के लिए समर्पित भाव से काम करेंगे। राजनीतिक पार्टी का प्रचार किया तो सामाजिक कार्यवाही की जाएगी। 

शपथ में यह भी बताया जा रहा है कि किस बटन को दबाना है। जिसे अपने प्रत्याशी को विजयी बनाना है। इस शपथ में सर्व आदिवासी समाज के ब्लाक पदाधिकारी, गोंड़ समाज के ब्लाक पदाधिकारी, हल्बा समाज के ब्लाक पदाधिकारी, गायता, पटेल के शामिल होने की बात कही जा रही है। इसके अलावा भी एक वीडियो में सर्व आदिवासी समाज के प्रत्याशी को वोट देने की शपथ दिलाई जा रही है। साथ ही उसके प्रचार की बात कही जा रही है। 

एसडीएम ने जारी किया नोटिस
वहीं गोंडवाना समाज के सदस्यों को एक प्रत्याशी को वोट देने के लिए शपथ दिलाकर प्रेरित करने का वीडियो वायरल होने के बाद एसडीएम भानुप्रतापपुर ने नोटिस जारी किया है। संबंधित लोगों को भेजे गए इस चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए नोटिस में कहा गया है कि क्यों न आपके विरूद्ध आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्यवाही की जाए। इसके लिए 28 नवंबर को लिखित जवाब देने कार्यालय में बुलाया गया है।

भानु प्रतापपुर विधानसभा उपचुनाव में नामांकन वापसी के बाद अब चुनाव प्रचार और तेजी आने लगी है। इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस आमने-सामने हैं और दोनों दलों के नेताओं की ओर से जुबानी जंग शुरू हो चुकी है।