भारतीय जनता युवा मोर्चा में नेता पुत्रों के प्रवेश से पहले ही विवाद शुरू हो गया है। प्रदेश के तीन पूर्व मंत्री अपने बेटों को युवा मोर्चा में पद दिलाने के लिए जोर लगाए हुए हैं। इन नेता पुत्रों के कारण युवा मोर्चा की प्रदेश कार्यकारिणी में बचे चार पदों पर नियुक्ति नहीं हो पा रही है। युवा मोर्चा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो 28 जनवरी को प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी के सामने नेता पुत्रों की दावेदारी को रखा जाएगा। इसमें तय किया जाएगा कि पार्टी नेता पुत्रों को जगह देती हैं या फिर सामान्य कार्यकर्ता को मौका मिलता है। इसके साथ ही युवा मोर्चा के कुछ पदों पर उम्र सीमा पार कर चुके युवाओं की नियुक्ति हो गई है। उनके नाम पर लगातार आपत्ति आ रही है, जिसका निराकरण भी पुरंदेश्वरी की बैठक में होगा। भाजयुमो के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल, बृजमोहन अग्रवाल और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गौरीशंकर अग्रवाल अपने बेटों को युवा मोर्चा में शामिल कराने के लिए प्रयास कर रहे हैं। 

प्रदेश कार्यकारिणी में उम्र सीमा पार किए हुए नेताओं को जगह देने के साथ ऐसे लोगों को भी पद दे दिया गया है, जिनके पास पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी नहीं है। इससे पहले प्रदेश मंत्री बनाए गए गौतम सोनकर को लेकर विवाद हुआ। गौतम को गुपचुप तरीके से पद से हटा दिया गया था। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो युवा मोर्चा के प्रभारी अनुराग सिंहदेव और ओपी चौधरी को विश्वास में लिए बिना ही कई नियुक्ति कर दी गई। इसकी शिकायत पुरंदेश्वरी तक पहुंची है। पार्टी के वरिष्ठ आदिवासी नेताओं की पसंद को भी दरकिनार कर दिया गया है। प्रदेश कार्यकारिणी के आठ नामों को लेकर आपत्ति दर्ज कराई जा रही है। इनमें अधिकांश उम्र सीमा को पार कर चुके हैं। इसमें पूर्व सांसद के परिवार के सदस्य समेत कई मंत्रियों के करीबी नेता शामिल हैं। प्रदेश महामंत्री पद पर उम्र सीमा पार कर चुके नेता को जगह दे दी गई है। इसके साथ ही प्रदेश उपाध्यक्ष पद पर भी उम्रदराज नेताओं को मौका मिला है।