जबलपुर , मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और प्रमुख शहर जबलपुर में EOW ने बुधवार को छापेमारी की। इस दौरान भोपाल में क्लर्क के घर करीब 85 लाख रुपए नकदी बरामद हुए। तो वहीं जबलपुर में शासकीय अभियंता के पास आय से 200 गुना अधिक संपत्ति का खुलासा हुआ। राजधानी भोपाल में ईओडब्ल्यू की टीम ने चिकित्सा शिक्षा विभाग में पदस्थ क्लर्क हीरो केसवानी के घर छापेमारी की। इस दौरान आरोपी क्लर्क ने नाटकीय तरीके से जहर पी लिया। आनन फानन में अधिकारी उसे हमीदिया अस्पताल ले गए। हालांकि अब वे अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुका है। जब टीम ने उसके घर तलाशी शुरू की तो घर से करीब 85 लाख रुपए नकदी बरामद हुए। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ने अधिकांश संपत्ति अपनी पत्नी के नाम पर खरीदी है। उसने 4 हजार की तनख्वाह से नौकरी शुरू की थी और अब उसकी सैलरी 50 हजार रुपए है। बैरागढ़ स्थित उसका मकान ही करीब डेढ़ करोड़ रुपए का है। उसके घर चारपहिया वाहन और एक स्कूटी भी बरामद हुई है। उसके घरवालों के नाम पर बैंक में लाखों रुपए जमा हैं।
उधर जबलपुर में ईओडब्ल्यू की टीम नगर निगम में पदस्थ असिस्टेंट इंजीनियर आदित्य शुक्ला के घर पहुंची थी। आदित्य के घर से लाखों रुपए नगद बरामद हुए हैं। साथ ही जमीन, दो आलीशान मकान, तीन कार की जानकारी सामने आई है। अधिकारी बता रहे हैं कि सम्पत्ति का ब्योरा अभी और बढ़ सकता है। आदित्य के पास अबतक आय से 200 गुना अधिक संपत्ति का खुलासा हो चुका है। छापामार कार्रवाई में सोने के आभूषण जिसकी कीमत 15 लाख आंकी गई है। इसके अलावा चांदी के आभूषण और बर्तन जिसकी कीमत 2 लाख 80 हजार रूपए है। डेढ़ लाख रुपए नगद, बैंक ऑफ इंडिया में एक लॉकर। रतन नगर में 3900 वर्ग फुट आलीशान मकान का निर्माण। पैतृक भूखंड रतन नगर के 1500 वर्ग फुट पर पुराने मकान को तोड़कर नए आलीशान मकान का निर्माण कराया गया है। इसके अलावा करेंस कार, सेल्टोस कार सहित मारुति सुजुकी और मोटरसाइकिल स्कूटी भी बरामद की गई है।


पिछले 4 महीनों से एक्शन मोड में है ईओडब्ल्यू
बता दें कि ईओडब्ल्यू पिछले चार महीनों से एक्शन मोड में है। जांच एजेंसी के आधिकारी नॉनस्टॉप छापेमारी कर रहे हैं। मई के पहले हफ्ते में ईओडब्ल्यू ने सतना के कोलगवां थाना अंतर्गत मारुति नगर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक सुशील मिश्रा के घर रीवा में छापा मार कार्रवाई की थी। इसके पहले मार्च में आर्थिक अपराध शाखा ने ग्वालियर स्थित घाटीगांव ब्लाक के प्राइमरी सरकारी स्कूल में पदस्थ सहायक शिक्षक प्रशांत सिंह परमार के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान ईओडब्ल्यू अधिकारियों के भी होश उड़ गए। जांच में पता चला की प्राइमरी स्कूल का यह शिक्षक 27 कॉलेजों का मालिक है। इस कार्रवाई का नेतृत्व कर रहे ईओडब्ल्यू के डीएसपी सतीश चतुर्वेदी ने बताया था कि आरोपी की चल-अचल संपति आय से एक हजार गुना अधिक है। वहीं मार्च में ही ईओडब्ल्यू ने उज्जैन के एक क्लर्क के ठिकानों पर छापेमारी की थी। उज्जैन के श्री कृष्ण कॉलोनी इलाके में रहने वाले धर्मेंद्र सिंह चौहान के घर छापेमारी के बाद अधिकारियों ने बताया था कि उसके पास 3 आलीशान बंगले हैं।इसके 83 बीघा जमीन, दो ट्रैक्टर, लाखों रुपए नगदी, बैंक लॉकर, एफडी और 33 लाख रुपए से ज्यादा की रकम ब्याज पर देने के एग्रीमेंट भी बरामद हुए थे।