छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में भी दिल्ली की तर्ज पर किसानों का आंदोलन जारी है। नवा रायपुर प्रभावित किसान संघ के बैनर तले किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली। रैली में प्रभावित 27 गांवों के हजारों किसान शामिल हुए। रैली मंत्रालय, संचालनालय सहित सेक्टर के कई इलाकों से होकर गुजरी। ट्रैक्टर रैली को देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। किसानों ने रैली निकालने की सूचना प्रशासन को पहले ही दे दी थी। रैली में शामिल किसानों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण के समय प्रदेश सरकार ने जो वादा किया है, उसे आज तक पूरा नहीं किया है। जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होगी, उनका आंदोलन जारी रहेगा। किसानों के इस आंदोलन को कई संगठनों का समर्थन भी मिल रहा है।  

नई राजधानी प्रभावित किसान कल्याण समिति के बैनर तले 27 गांवों के किसान नवा रायपुर में आंदोलन कर रहे हैं। सहयोग और समर्थन से किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। आंदोलन स्थल पर हर दिन हजारों लोगों के लिए भोजन भी बन रहा है। आंदोलन में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और युवा सहित बड़ी संख्या में किसान शामिल हो रहे हैं। किसानों के साथ सरकार की कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन कोई सकारात्मक पहल नहीं हो पाया है। पिछले दिनों सरकार के मंत्रियों मो. अकबर व शिव डहरिया ने चर्चा के लिए बुलाया था, लेकिन किसान कल्याण समिति ने चर्चा के बिंदुओं की जानकारी लिखित में आने के बाद ही बैठक में शामिल होने की बात कहते हुए मना कर दिया था। बैठक की सूचना कुछ मिनट पहले ही समिति के पदाधिकारियों को देने की बातें भी सामने आई थी। इसके बाद मंत्रियों ने नई तिथि तय करने की बात कही है। किसानों का यह आंदोलन 3 जनवरी से लगातार जारी है।  

नवा रायपुर पुनर्वास योजना के अनुसार अर्जित भूमि के अनुपात में उद्यानिकी, आवासीय और व्यावसायिक भूखंड पात्रतानुसार निःशुल्क मिलने का प्रावधान का पालन किया जाए। भू-अर्जन कानून के तहत हुए अवार्ड में भूस्वामियों को मुआवजा प्राप्त नहीं हुआ है। उन्हें बाजार मूल्य से 4 गुणा मुआवजा मिले। नवा रायपुर क्षेत्र में ग्रामीण बसाहट का पट्टा दिया जाए। वार्षिकी राशि का पूर्ण रूपेण आवंटन किया जाए। पुनर्वास पैकेज-2013 के तहत सभी वयस्कों को मिलने वाला 1200 वर्गफीट प्लॉट दिया जाए। साल 2005 से भूमि क्रय-विक्रय पर लगे प्रतिबंध को तत्काल हटाया जाए एवं आबादी से लगी गुमटी, चबूतरा, दुकान, व्यावसायिक परिसर को 75% प्रभावितों को लागत मूल्य पर देने के प्रावधान का पालन किया जाए।