नई दिल्ली । अकाल तख्त ने अलगाववादी उपदेशक अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस की कार्रवाई को लेकर भगवंत मान सरकार और केंद्र के खिलाफ कड़ा बयान जारी किया है। अकाल तख्त की ओर से सवाल किया गया है कि हिंदू राष्ट्र की मांग करने वालों के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई क्यों नहीं होती है। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने अलगाववादी उपदेशक के खिलाफ कार्रवाई के दौरान पकड़े गए सिख युवकों को रिहा करने के लिए राज्य सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया। अकाल तख्त सिखों के लिए सत्ता की सर्वोच्च सीट है, इसके जत्थेदार उनके शीर्ष प्रवक्ता हैं। 
यह सवाल करते हुए कि कथित रूप से सिंह का समर्थन करने और उनकी खालिस्तान की मांग के लिए गिरफ्तार किए गए लोगों के खिलाफ कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को क्यों लागू किया गया। उन्होंने कहा कि लाखों लोग हैं, जो हिंदू राष्ट्र की मांग करते हैं। जो लोग हिंदू राष्ट्र की मांग कर रहे हैं, उनके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए। उन्हें भी एनएसए के तहत बुक होना चाहिए। मुख्यमंत्री मान ने कहा है कि उन्होंने राज्य पुलिस से कहा है कि एहतियाती हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा किया जाए, अगर वे किसी राष्ट्र विरोधी गतिविधि में शामिल नहीं पाए जाते हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि शांति भंग करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पंजाब पुलिस ने कहा है कि उसने निवारक हिरासत में लिए गए 353 लोगों में से 197 को रिहा कर दिया है। अकाल तख्त के जत्थेदार ने किसी भी हिंसक विरोध के खिलाफ आगाह कर कहा है कि अगर गिरफ्तार युवकों को रिहा नहीं किया गया, तब हमें आक्रामक नहीं होना चाहिए, बल्कि उन्हें कूटनीतिक रूप से जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे पुलिस हिरासत में लिए गए लोगों की रिहाई के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।