भोपाल ।   उत्तराखंड के उत्तरकाशी में तीर्थ यात्रियों से भरी बस खाई में गिरने की घटना को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहत और बचाव की कमान खुद संभाली मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा -जो बेहतर से बेहतर इन परिस्थितियों में हो सकता था, वो व्यवस्था करने की कोशिश की ।शिवराज सिंह घटना के तत्काल बाद रविवार रात ही देहरादून पहुंच गए और वहां कंट्रोल रूम में जाकर आपदा प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों के साथ बैठक की। सुबह वे उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह के साथ हेलीकाप्टर से उत्तरकाशी पहुंचे। मुख्यमंत्री के आग्रह पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वायुसेना का विमान उपलब्ध कराया, इसमें सभी मृतकों के शव खजुराहो जक लाए गए। इसके बाद गाड़ियों से शव उनके गांव पहुंचाए गए। मुख्यमंत्री ने देहरादून में घायलों से भी मुलाकात की और हादसे का शिकार हुई बस के ड्राइवर से बातचीत की। देहरादून से लौटकर मीडिया के साथ बातचीत में मुख्यमंत्री ने बताया कि सोमवार रात को लगभग सवा सात बजे, यमुनोत्री जा रही बस जो बस लगभग एक हजार फीट गहरी खाई में गिर गई थी। लगभग पौने आठ बजे मुझे जानकारी मिली। मैंने तत्काल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी से बात की और तत्काल आग्रह किया कि युद्ध स्तर पर राहत और बचाव के कार्य किए जाएं। जब इतने लोग खाई में पड़े हों तब, मैं मुख्यमंत्री आवास में चैन की नींद सो जाऊं, यह तो मुझसे किसी कीमत पर नहीं हो सकता। यह कहा जाता रहा कि अफसर चले जाएंगे, मंत्री भेज दो, लेकिन मुझे लगा कि मुख्यमंत्री जाएगा तो राहत और बचाव के कार्य में तेजी आएगी, सारा प्रशासन हरकत में आएगा और हो सकता है कि हम कुछ लोगों को बचा ले। बाकी को ठीक ढंग से संभाल कर ला पाएं, आखिर मध्य प्रदेश अपना परिवार है और अपने परिवार के लोग गहरी खाई में पड़े हो तो हम घर में कैसे सो सकते हैं। मैं खजुराहो के सांसद और बीजेपी के अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा जी सवेरे वहां पहुंच गए और बृजेन्द्र प्रताप सिंह मंत्री के रूप में मैंने उनको वहां छोड़ा है। डा राजेश राजौरा अपर मुख्यसचिव (एसीएस) और साई मनोहर, विवेक शर्मा पूरी टीम के साथ मौजूद रहे। हमारी दिल्ली की टीम भी घटनास्थल पर है जिसने शव वाहनों को रवाना किया। देहरादून से शव विमान से खजुराहो लाए गए, वाहनों से सभी पार्थिव देह को सभी के गांव भेजा गया। जो बेहतर से बेहतर इन परिस्थितियों में हो सकता था, वो व्यवस्था करने की कोशिश की। अस्पताल में इलाज तो निश्शुल्क हो ही रहा है लेकिन, कल ही मैंने राहत की घोषणा कर दिया था। प्रधानमंत्री जी ने कृपापूर्वक 2 लाख रुपए मृतकों के परिवारों को राहत राशि देने की घोषणा की। हमने भी 5 लाख रुपए मृतकों के परिवारों को, 50हजार रुपए घायलों के परिवारों को, देने का फैसला किया था।