इंदौर ।  रिजर्व बैंक द्वारा दो हजार के नोट बंद करने की घोषणा के बाद बैंकों में इन गुलाबी नोटों के जमा होने का सिलसिला जारी है। इस बीच आयकर विभाग ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे कानून का पालन करते हुए सभी संवेदनशील लेन-देन की जानकारी दें। बंद हो रहे इन नोटों के हाई वैल्यू ट्रांजेक्शन की जानकारी भी मई 2024 तक इनकम टैक्स विभाग को उपलब्ध करवानी होगी।

मप्र टैक्स लॉ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट अश्विन लखोटिया के अनुसार, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों जैसे पोस्ट आफिस, एनबीएफसी के लिए आयकर अधिनियम 1962 में नियम 114ई निर्धारित है। इसमें स्पेसिफिक फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की रिपोर्ट आयकर विभाग को देना जरूरी है। यह कानून की कालेधन और गैरकानूनी गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए बनाया गया है।

संदिग्ध लेनदेन पर विभाग भेजेगा नोटिस

नियम के अनुसार, बचत खाते में 10 लाख रुपये या अधिक और करंट खाते में 50 लाख रुपये या अधिक की राशि जमा होने पर खातेदार को लेकर पूरी जानकारी बैंकों को आयकर विभाग को भेजनी होगी। भले ही यह राशि एक या अधिक ट्रांजेक्शन के रूप में जमा हुई हो। इस तरह के लेन-देन की जानकारी संबंधित वित्त वर्ष की अगली 31 मई तक देनी होगी। ताजा मामले में ऐसे लोग जो बैंकों में बचत खाते में 23 मई से 30 सितंबर के बीच दो हजार के नोटों के रूप में 10 लाख रुपये या करंट अकाउंट में 50 लाख या अधिक रकम जमा करवाएंगे, उनकी जानकारी भी संबंधित बैंकों को 31 मई 2024 तक आयकर विभाग को देनी होगी। इसके बाद संदिग्ध पाने या आशंका होने पर आयकर विभाग ऐसे खातेदारों को नोटिस जारी कर सकेगा।

नोटबंदी के बाद बड़ी संख्या में जारी हुए थे नोटिस

कमर्शियल टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष केदार हेड़ा के अनुसार, हर तरह के नोट जमा करने वाले ट्रांजेक्शन करदाता के एनुअल इंफार्मेशन स्टेटमेंट में भी नजर आएंगे। आयकर विभाग संदिग्ध पाने पर संबंधित लोगों को नोटिस जारी कर सकता है। आयकर जमा किए धन की जानकारी और उसके स्रोत से जुड़े दस्तावेज मांगेगा। नोटबंदी के दौर के बाद लाखों लोगों को ऐसे नोटिस जारी किए गए हैं। तमाम करदाता जिनका स्रोत सही था, वे भी कार्रवाई से परेशान हैं।