नई दिल्ली । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि एक मजबूत सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली संपन्न लोकतांत्रिक राष्ट्र की नींव होती है। शाह नई शिक्षा नीति के दो साल पूरे होने पर दिल्ली में आयोजित समारोह में बोल रहे थे। इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने शिक्षा और कौशल विकास क्षेत्र में कई योजनाओं की शुरुआत की। प्रौद्योगिकी प्रदर्शन के लिए इंडियन नॉलेज सिस्टम-एमआईसी कार्यक्रम की स्थापना, स्कूलों में 75 भारतीय खेलों की शुरूआत और स्थानीय कला को बढ़ावा देने के लिए 750 स्कूलों में कलाशाला की पहल की। बता दें कि नई शिक्षा नीति (एनईपी) को सरकार द्वारा 29 जुलाई, 2020 को भारत की शिक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए शुरू किया गया था। पिछले दो वर्षों में, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों में एनईपी 2020 की कई सिफारिशों को पहले ही लागू कर दिया है। नई पहल की शुरुआत करते हुए शाह ने कहा कि एनईपी 2020 भारत को एक महान राष्ट्र बनाने की नींव है।
साथ ही उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 राष्ट्र की जड़ों के साथ तालमेल बिठा रही है और इसे पूरे देश से अभूतपूर्व स्वीकृति मिली है। नीति में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एक मजबूत सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली एक संपन्न लोकतांत्रिक राष्ट्र की नींव है।’ केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि रटे-रटाए ज्ञान से अच्छे अंक तो मिल सकते हैं, अच्छी नौकरी मिल सकती है, वह सफल व्यक्ति भी बन सकता है लेकिन वह बड़ा व्यक्ति नहीं बन सकता है, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लोगों को बड़ा बनाएगी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सभी लोग अलग नजरिये से देखते हैं। किसी को इसमें कौशल विकास के जरिये रोजगार की संभावनाएं दिखती हैं तो कोई प्राथमिक शिक्षा देकर बच्चों की अभिव्यक्ति और क्षमता देने का बढ़ाने की जरिया देखता है लेकिन मैं देखता हूं कि नीति एक महान भारत की रचना की नींव है। क्योंकि कोई देश या राष्ट्र जमीनों से नहीं बनता, नदियों से नहीं बनता है, पहाड़ों से नहीं बनता है और कल-कारखानों से नहीं बनता है। कोई भी राष्ट्र उसके नागरिकों से बनता है। उसकी संस्कृति और संस्कार से राष्ट्र निर्माण को मजबूती मिलती है।