भोपाल । मिशन 2023 को देखते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने सांगठनिक तैयारी शुरू कर दी है। उनका पहला फोकस संगठन को मजबूत बनाना है। इसके लिए कांग्रेस में एक बड़ी सर्जरी होने वाली है, जिसमें कई जिलों के अध्यक्षों की रवानगी की जा सकती है। क्योंकि निकाय चुनाव मेंकई जिलों में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में जिस तरह से पार्टी का प्रदर्शन रहा है, उससे कमलनाथ नाराज बताए जा रहे हैं। 25 अगस्त को होने वाली बैठक में कमलनाथ कई फैसलें ले सकते हैं। फिलहाल कई जिलों से संगठन प्रभारियों की रवानगी कर दी गई है।
16 नगर निगम में से इस बार कांग्रेस के खाते में 4 नगर निगम आई है और एक पर आप पार्टी की महापौर बनी है, वहीं पंचायत स्तर पर मालवा क्षेत्र में कांग्रेस के पक्ष में अच्छे परिणाम नहीं आए हैं। इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ नाराज बताए जा रहे हैं। सभी 52 जिलों के संगठन प्रभारी बदलने के बाद कमलनाथ अब जिलों के अध्यक्षों को बदलने के मूड में दिखाई दे रहे हैं। इंदौर जैसे जिले में कांग्रेस का प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा, जैसा होना चाहिए था। कांग्रेस ने महापौर प्रत्याशी को लेकर एक साल पहले ही फैसला ले लिया था और विधायक संजय शुक्ला को अधिकृत तौर पर घोषित कर दिया था, लेकिन उसके बावजूद शहर के नेताओं में उत्साह नहीं देखा गया। यही नहीं शुक्ला ने चुनाव भी अपने कार्यकर्ताओं और निजी टीम के बल पर ही लड़ा। जहां से शुक्ला को अच्छे वोट मिलने की संभावना थीं, वहां से वे हार गए। यही नहीं पार्षदों में भी कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। पार्षदों में मुस्लिम प्रत्याशियों ने भी अपने बल पर चुनाव लड़ा और कई प्रत्याशियों ने तो अपने स्तर पर ही चुनाव जीता। ऐसी कुछ बातें कमलनाथ तक पहुंची हैं, जिसकी रिपोर्ट तैयार की गई है, वहीं कमलनाथ ने निजी सर्वे भी करवाया है। इसी तरह पंचायत चुनाव में कांग्रेस का जो प्रदर्शन रहा, उसे भी अच्छा नहीं कहा जा सकता। ग्रामीण क्षेत्र में दो-दो विधायक होने के बावजूद कांग्रेस इंदौर जनपद अपने हाथ से खो बैठी तो दूसरी जनपदों में भाजपा के ज्यादा पार्षद जीतकर आए और उन्होंने अपना अध्यक्ष बना लिया। 7 नगर परिषद, जिला पंचायत  भी भाजपा के हाथ में पहुंच गई। अब इसको लेकर कमलनाथ दोनों अध्यक्ष और विधायकों से भी बात करेंगे कि इंदौर जैसे शहर में कांग्रेस इतनी बुरी तरह क्यों हारी? विधायकों ने जिन प्रत्याशियों को अपने बल पर चुनाव लड़ाकर जिताने की बात की थी, उसमें राऊ, देपालपुर विधानसभा शामिल हैं।