मुंबई । महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर उथल पुथल के आसार दिखाई दे रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के नेता और मंत्री दीपक केसरकर ने पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को आत्ममंथन की सलाह दी है। इसके साथ ही उन्होंने संभावना जताई हैं कि आत्ममंथन दोनों गुटों के दोबारा साथ आने में मददगार हो सकता है। बता दें कि बीते साल जून-जुलाई में शिवसेना के करीब 40 विधायकों ने बगावत कर भाजपा के साथ गठबंधन में नई सरकार बना ली थी।
केसरकर महाराष्ट्र सरकार में स्कूल शिक्षा मंत्री हैं। उन्होंने शिवसेना में फूट पर कहा जो लोग बालासाहेब के विचारों के लिए लड़ते थे उनके लिए शिवसेना छोड़ना आसान नहीं था। कुछ बहुत बड़ा हुआ होगा जिससे विधायक बाहर निकल गए। जब मैं आत्ममंथन कर रहा हूं तो हमारी पार्टी के पूर्व अध्यक्ष को भी आत्ममंथन करना चाहिए कि क्या हुआ था जिससे इतने विधायक चले गए। अगर उद्धव ठाकरे आत्ममंथन करते हैं तो शिवसेना को एक होने में समय नहीं लगेगा।
केसरकर का कहना है कि वह बगावत के समय हुए घटनाक्रमों पर आने वाले कुछ दिनों में बात करेंगे। उन्होंने कहा शिंदे ने विधायकों का दिल जीता इसलिए वे उनके साथ गए। मैं इसपर बात करूंगा कि उस दौरान क्या हुआ था। मैं उसके बारे में अभी बात नहीं करूंगा क्योंकि न्यू ईयर है। कुछ दिन हो जाने दीजिए और फिर में इसके बारे में बात करूंगा। जब मैं बोलूंगा तो केवल महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि हर शिवसैनिक सच्चाई को समझेगा। 
खास बात है कि करीब दो दिन पहले ही नागपुर विधान भवन में केसरकर और ठाकरे का आमना सामना हुआ था। इसके अलावा विधायक संजय शिरसत और मंत्री अब्दुल सत्तार के बीच भी खींचतान जारी है। सत्तार ने शिरसत पर साजिश रचने और मीडिया में जानकारी लीक करने के आरोप लगाए हैं। ठाकरे से मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा कि वह चर्चा के बारे में कुछ दिनों में जानकारी देंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके दिल में ठाकरे के लिए सम्मान है। एक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जब सवाल पूछा गया कि क्या इस साल दोनों गुटों में तनाव कम होगा तो केसरकर ने कहा कि यह ठाकरे पर निर्भर करता है।