बांदीपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कर्नाटक के बांदीपुर बाघ अभयारण्य में रविवार सुबह पहुंचकर जंगल ‘सफारी’ का लुफ्त उठाया। इस दौरान उन्होंने 20 किलोमीटर की जीप सफारी का आनंद लिया है। इसके साथ ही वो तमिलनाडु के पहाड़ी जिले नीलगिरी के मुदुमलाई में हाथी शिविर भी पहुंचे है। शिविर में हाथियों को उन्होंने खुद खाना खिलाया और उनके साथ कुछ समय भी व्यतीत किया। प्रधानमंत्री का ‘फ्रंटलाइन फील्ड स्टाफ’ और संरक्षण गतिविधियों में शामिल स्वयं सहायता समूहों के साथ बातचीत करने का भी कार्यक्रम है। बांदीपुर बाघ अभयारण्य आंशिक रूप से चामराजनगर जिले के गुंदलुपेट तालुक में और आंशिक रूप से मैसूरु जिले के एचडी कोटे और नंजनगुड तालुक में स्थित है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने रविवार सुबह ट्वीट किया, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बांदीपुर और मुदुमलाई बाघ अभयारण्य जाते हुए। ट्वीट के साथ पीएमओ ने मोदी की एक तस्वीर भी साझा की, जिसमें वह ‘सफारी’ के कपड़े पहने हुए और हैट लगाए हुए नजर आ रहे हैं। राज्य के वन विभाग के मुताबिक, 19 फरवरी 1941 को एक सरकारी अधिसूचना के तहत स्थापित तत्कालीन वेणुगोपाल वन्यजीव उद्यान के वन क्षेत्र के अधिकांश हिस्से को लेकर एक राष्ट्रीय उद्यान बनाया गया था।
विभाग के अनुसार, 1985 में इस राष्ट्रीय उद्यान का विस्तार किया गया, जिससे इसका क्षेत्र फल बढ़कर 874 वर्ग किलोमीटर हो गया और इसका नाम बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान रख दिया गया। 1973 में बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान को ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के तहत लाया गया। इसके बाद, कुछ निकटवर्ती आरक्षित वन क्षेत्रों को अभयारण्य में मिलाया गया। मौजूदा समय में बांदीपुरा बाघ अभयारण्य 912.04 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है।