साल में 24 एकादशी व्रत होते हैं. मार्गशीष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी जाता है. मार्गशीष माह में पढ़ने वाले इस एकादशी व्रत का खासा महत्व है. हिन्दू पंचाग के अनुसार इस साल साल का अंतिम एकादशी का व्रत 22 दिसंबर को रखा जाएगा. हालांकि कुछ लोग 23 दिसंबर को भी यह व्रत रखेंगे. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने द्वापर युग में अर्जुन को गीता के उपदेश दिया था.

काशी के ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि इस बार 22 दिसम्बर 2023 को सुबह 8 बजकर 15 मिनट से एकादशी तिथि की शुरुआत हो रही है, जो अगले दिन यानी 23 दिसम्बर को सुबह 7 बजकर 17 मिनट तक रहेगा. ऐसे में 22 दिसम्बर को गृहस्थ जन और 23 दिसम्बर को वैष्णव सम्प्रदाय से जुड़े लोग इस व्रत को रखेंगे.

कष्ट होते हैं दूर
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन पूजा और व्रत से भगवान विष्णु की कृपा के साथ माता लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलता है. इसके अलावा जीवन के सभी कष्ट और क्लेश भी दूर होते हैं.

इस दिन न करें ये काम
एकादशी तिथि पर शास्त्रों में कई सारी चीजों की मनाही भी है. इस दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा इस दिन मांस-मदिरा का सेवन करने से भी परहेज करना चाहिए. इससे मनुष्य पाप का भागी बनता है. इन सब के अलावा इस दिन बाल, नाखून काटने से भी लोगों को परहेज करना चाहिए.