इंदौर  ।  इंदौर की सराफा चौपाटी के व्यापारियों ने मापदंड बनाए है और उसका पालन करने के लिए सभी व्यापारियों को कहा। मंगलवार रात एसोसिएशन के पदाधिकारी चौपाटी में घूमे और चायनिस व्यजंन और फास्ड फूड के बजाए पारंपरिक व्यजंनों को बेचने पर जोर दिया,क्योकि चाऊमिन, नूडल्स, मनचूरियन, पोटेटो स्टीक जैसे डिशेस को बनाने में गैस सिलेंडरों को उपयोग ज्यादा होता। उससे धुआं भी ज्यादा उठता है। सराफा चौपाटी को लेकर नगर निगम द्वारा गठित समिति और व्यापारी एसोसिएशन की बैठक के बाद चौपाटी में बदलाव करने के प्रयास शुरू किए है। व्यापारी नहीं चाहते कि चौपाटी सराफा के बजाए कही दूसरी जगह शिफ्ट हो, इसलिए उन्होंने निगम समिति के सदस्यों से कहा कि वे कुछ समय व्यापारियों को दें, ताकि चौपाटी में ही सुरक्षा पर ध्यान दिया जाए।

सुरक्षाकर्मी की संख्या भी बढ़ेगी

सराफा चौपाटी एसोसिएशन ने तय किया है कि सराफा चौपाटी में छह सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे, ताकि वे भीड़ होने पर व्यवस्था संभाल सके। दुकानदारों को सिलेंडर में विशेष नाॅब का इस्तेमाल करने को कहा गया है, जो गैस रिसाव होने पर बंद हो जाती है। इसके अलावा तय स्थान से बाहर स्टाॅल या टेबल भी नहीं लगाने दी जाएगी। चौपाटी में समय से पहले दुकानें न लगे। इसका भी ध्यान रखा जाएगा।

इन्होंने कहा 

पारंपरिक व्यंजन ही सराफा की पहचान सराफा चौपाटी की पहचान भूट्टे का कीस, गराडू, पराठे, जलेबी, गुलाब जामुन, दही बड़े, कलाकंद जैसे पारंपरिक व्यंजन है, लेकिन अब फास्ड फूड के स्टाॅल भी बड़ी संख्या में हो रहे है। उन्हें बनाने में गैस सिलेंडर का उपयोग ज्यादा होता है। फास्ट फूड बेचने वालों से हमने आग्रह किया है कि वे चौपाटी में पारंपरिक व्यंजन ही क्वालिटी के साथ बेचे।

- राम गुप्ता, अध्यक्ष सराफा चौपाटी एसोसिएशन