भोपाल । अब धीरे-धीरे तापमान बढ़ रहा है। वहीं दिन-प्रतिदिन गर्मी में भी इजाफा हो रहा है। गर्मी बढऩे के साथ-साथ हर कार्य के लिए पानी की आवश्यकता भी बढ़ती जा रही है। वहीं बढ़ती गर्मी के साथ प्रदेश के कई क्षेत्रों में इन दिनों पानी की पूर्ति करना मुश्किल हो रहा है। इस समय आमजन और किसानों के निजी ट्यूबवेल भी जवाब देने लगे हैं। जहां ये नलकूप पूरे समय जल प्रदाय कर रहे थे, वहीं अब उससे आधे से कम पानी ही दे रहे हैं।
गर्मी बढऩे के चलते हैंडपंपों में भी वाटर लेवल नीचे जा रहा है। निजी ट्यूबवेल में पानी कम होने लगा है। वहीं हैंडपंप और पानी के स्रोत दम तोड़ते दिखाई दे रहे हैं। चिलचिलाती धूप तेजी पकड़ रही है। तेज गर्मी के चलते तालाबों में पानी सूख गया है। हैंडपंपों का वाटर लेवल नीचे चला गया है। निजी कुएं भी अब जवाब देने लगे हैं। साथ ही गर्मी में पानी की समस्या खड़ी हो रही है। ऐसे में अप्रैल, मई में क्या होगा? इस बात की चिंता से आमजन परेशान हैं।
ग्राम पंचायतों के हैंडपंप भी वाटर लेवल नीचे होने के कारण बंद हो गए हैं। वहीं, अधिकांश ट्यूबवेल या कुओं में भी पानी नहीं होने के कारण पेयजल की समस्या हो गई है। गहरे पेयजल संकट के चलते ग्रामीणों के साथ मवेशियों के लिए भी पेयजल उपलब्ध कराना चुनौती बन गया है। मवेशियों को पानी पिलाने के निजी कुओं या कहीं अन्यत्र जल स्रोतों पर पानी पिलाने ले जाना पड़ता है।