नेता पुत्रों की खुलेगी किस्मत, शिवराज गए संसद तो कार्तिकेय के लिए विधानसभा का रास्ता होगा आसान

भोपाल । परिवारवाद का परचम उठाए रखने वाली भाजपा में अगले कुछ हफ्तों में वंशवाद के नजारे दिखाई दे सकते हैं। लोकसभा चुनाव के परिणाम के बाद प्रदेश में संभावित कुछ विधानसभा सीटों के उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं के पुत्र अपनी किस्मत आजमाते दिखाई दे सकते हैं। प्रदेश भाजपा के कई बड़े नेताओं के बेटे लंबे समय से सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के पुत्र भी शामिल हैं। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय के लिए सबसे पहले रास्ता आसान होता दिखाई दे रहा है। कार्तिकेय लंबे समय से अपने विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय भी हैं और युवाओं के बीच उनकी ख्याति भी बनी हुई है। 4 जून को लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद बुदनी विधानसभा के विधायक शिवराज सिंह चौहान का संसद में जाना तय माना जा रहा है। इसके चलते उन्हें विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ेगा। इसके बाद बुदनी विधानसभा पर उप चुनाव होना तय है। सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री कुर्सी त्यागने और खुद को प्रदेश की सियासत से बाहर खड़ा करने के फैसले में शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय नेतृत्व से अपनी कुछ मांगें स्वीकार करवाई हैं। इन मांगों में बुदनी की खाली होने वाली विधानसभा सीट पर बेटे कार्तिकेय को समायोजित करने की शर्त भी शामिल बताई जा रही है। कहा जा रहा है कि उप चुनाव में कार्तिकेय की उम्मीदवारी क्षेत्र की जनता सहर्ष स्वीकार भी कर लेगी और उनके लिए जीत के रास्ते आसान भी बना देगी।
कतार में यह भी
प्रदेश के बड़े नेताओं में शुमार विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र सिंह तोमर भी राजनीति में सक्रिय हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ विवादों के साथ देवेंद्र का नाम अपने क्षेत्र ग्वालियर से आगे बढ़कर प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी गूंजा था। केंद्रीय सियासत से किनारा करने के मुआवजे के तौर पर नरेंद्र सिंह तोमर अपने बेटे के लिए उप चुनाव में कोई सीट केंद्रीय नेतृत्व से मांग सकते हैं। इसी तरह भाजपा के कद्दावर नेताओं में शामिल पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव भी अपने बेटे अभिषेक के लिए फिक्रमंद हैं। अभिषेक भी लंबे समय से गढ़ाकोटा विधानसभा में सक्रिय सियासत कर रहे हैं। लेकिन फिलहाल इस सीट पर गोपाल भार्गव खुद विधायक के रूप में काबिज हैं, जिसके चलते अभिषेक के लिए कोई गुंजाइश दिखाई नहीं दे रही है।
किस विधायक को कहां से मिला टिकट?
* बुदनी विधानसभा: बुदनी विधानसभा सीट से प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान विधायक हैं। भाजपा ने उन्हें विदिशा संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया है।
* तराना विधानसभा: उज्जैन जिले की तराना विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक महेश परमार उज्जैन लोकसभा सीट से प्रत्याशी है। ऐसे में यदि वे चुनाव में जीत हासिल करते हैं तो यहां उपचुनाव होंगे।
* पुष्पराजगढ़ विधानसभा: शहडोल जिले की पुष्पराजगढ़ विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक फुंदेलाल मार्कों को कांग्रेस ने शहडोल से लोकसभा प्रत्याशी बनाया है।
* डिंडोरी विधानसभा: डिंडोरी विधानसभा से कांग्रेस विधायक ओमकार सिंह मरकाम को कांग्रेस ने मंडला लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है।
* सतना विधानसभा: सतना विधानसभा से कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाह को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया है।
* भांडेर विधानसभा: भांडेर से कांग्रेस विधायक फूलसिंह बरैया को कांग्रेस ने भिंड संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया है।