वॉशिंगटन । पाकिस्तान में इमरान खान के गिरफ्तारी के बाद से बीते करीब एक माह से बवाल मचा हुआ है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 9 मई को अरेस्ट किया गया और फिर अदालत से बेल के बाद वह घर भी लौट आए, लेकिन अब भी उनके घर के बाहर सैकड़ों पुलिसकर्मियों का डेरा है। यही नहीं, हालात यह हैं कि आज इमरान खान के घर में पुलिस तलाशी लेने जाएगी, जहां 40 आंतकियों के छिपे होने की बात कही जा रही है। इमरान खान के फिर से गिरफ्तार होने की भी आशंका है। इस बीच अमेरिका भी पूरे मामले में दखल दे सकता है। इस बात के कयास इससे लग रहे हैं कि उसके 66 सांसदों ने विदेशी मंत्री एंटनी ब्लिंकन से अपील की है कि वे पाकिस्तान में लोकतंत्र की रक्षा के लिए बात करें।
इन सांसदों ने विदेश मंत्री से कहा कि उन्हें पाकिस्तान में लोकतंत्र और मानवाधिकारों की बहाली के लिए प्रयास करने चाहिए। हालांकि अब तक जो बाइडेन प्रशासन पाकिस्तान में किसी भी तरह का दखल देने से हिचक ही रहा है। सांसदों ने ब्लिंकन को लिखे पत्र में कहा कि हम आपको पाकिस्तान के मौजूदा हालात पर अपनी चिंता को लेकर लिख रहे हैं। हम आपसे अपील करते हैं कि सभी कूटनीतिक उपाय करते हुए पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाएं कि वह लोकतंत्र, मानवाधिकार और कानून के शासन की बहाली के लिए काम करे।
सांसदों ने बाइडेन प्रशासन से अपील की है कि वह इस्लामाबाद से कहे कि इस बात की जांच करे कि वहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन तो नहीं हुआ है। बता दें कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय लगातार यह कहता रहा है कि वह पाकिस्तान में चल रहे संकट के बीच किसी भी राजनीतिक दल का पक्ष नहीं लेगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा था, आपने सुना ही होगा कि मैं कई बार कह चुका हूं कि हम पाकिस्तान में दखल नहीं देंगे। हम वहां पर किसी भी राजनीतिक दल का समर्थन या विरोध करने नहीं जा रहे। उन्होंने कहा कि हमारी तो यही राय है कि स्थिर और पाकिस्तान बना रहे।