इंदौर । कोरोना काल के बिजली के बिल माफ करने की घोषणा का असर इंदौर शहर में करीब एक लाख 40 हजार उपभोक्ताओं को मिलेगा। इन उपभोक्ताओं पर कोरोना काल के बिजली बिलों के करीब 75 करोड़ रुपये बकाया है। सरकार की घोषणा के बाद बिजली कंपनी को यह रुपया छोड़ना होगा। खास बात ये कि इनमें से 68 हजार उपभोक्ता ऐसे हैं जो पहले ही पुराने बिलों का यह रुपया जमा कर चुके हैं। बिजली कंपनी के खाते में आ चुका यह रुपया भी फिर से उपभोक्ताओं की जेब में जाता दिख रहा है।

कोरोना के पहले लाकडाउन के दौरान के बिजली के बिलों की वसूली सरकार ने रोकी थी। यह अवधि 30 अगस्त 2020 तक की थी। बाद में इस अवधि के बिलों की वसूली के लिए सरकार ने अलग से समाधान योजना की घोषणा की थी। इसमें बिलों पर 25 से 40 प्रतिशत की छूट दी जा रही थी। वे ही उपभोक्ता इसके दायरे में आए थे जिनके घरेलू कनेक्शन एक किलो वाट के थे। पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के इंदौर अधीक्षण यंत्री मनोज शर्मा के अनुसार समाधान योजना के पात्र बिजली उपभोक्ताओं की संख्या इंदौर शहर में करीब एक लाख 40 हजार है। इनसे बिजली कंपनी को करीब 75 करोड़ रुपये वसूलना है।