Ashadh Month 2024 :धार्मिक शास्त्रों में प्रत्येक माह का काफी खास महत्व होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार चौथा महीना आषाढ़ का होता है. यह महीना बेहद ही पवित्र होता है. इस महीने में भगवान श्रीहरि विष्णु का पूजन किया जाता है. मान्यता है कि इस महीन में भगवान विष्णु का पूजन हर मनोकामना को पूरा करता है. इस महीने में भी भगवान श्रीहरि विष्णु 4 महीने के लिए चिर निद्रा में चल जाते हैं. 

23 जून दिन रविवार से आषाढ़ माह की शुरुआत हो गई है. यह महीना आगामी 21 जुलाई तक रहने वाला है. इसी महीने में ही देवशयनी एकादशी पड़ती है, इस दिन भगवान श्रीहरि विष्णु योग निद्रा में लीन हो जाते हैं और सृष्टि के पालनहार भगवान शिव हो जाते हैं. शास्त्रों के अनुसार देवशयनी एकादशी के बाद से सभी शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है. इस महीने में भगवान श्रीहरि का पूजन विशेष फलदायी माना गया है. आइए जानते हैं कि इस महीने में कौन से काम करने चाहिए और कौन से काम नहीं करने चाहिए. 

आषाढ़ के महीने में न करें ये काम

  • आषाढ़ महीने में देवशयनी एकादशी पड़ती है.इस दिन चतुर्मास की शुरुआत होती है. इस कारण इसके बाद से शुभ कार्य जैसे जनेऊ संस्कार, मुंडन, शादी आदि नहीं करने चाहिए. इस माह में इन कार्यों को करने से शुभ फल प्राप्त नहीं होता है. 
  • इस माह में जल की बर्बादी न करें. इसे पानी का अपमान माना जाता है. 
  • इस महीने में देर तक सोने से बचना चाहिए.
  • इस महीने में शराब, मांस और प्याज,लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए. 
  • इस महीने में बासी खाना नहीं खाना चाहिए. 

इस महीने में करने चाहिए ये काम 

  • आषाढ़ के महीने में सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना चाहिए. इसके साथ ही सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए. 
  • इस महीने में भयंकर गर्मी पड़ती है. ऐसे में सत्तू, जल, धन, कपड़ा, छाता आदि का दान करना चाहिए. इससे जीवन में सुख और समृद्धि आती है. 
  • आषाढ़ के महीने में पिंडदान, तर्पण, स्नान और दान किया जाता है. इनस कार्यों को करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इसके साथ ही जीवन परेशानियों से मुक्त हो जाता है. 
  • इस महीने में ॐ नमो भगवते वासुदेवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ रामदूताय नमः, ॐ क्रीं कृष्णाय नमः और ॐ रां रामाय नमः आदि मंत्रों का जाप करना चाहिए. 
  • इस महीने में भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और भगवान शिव व पार्वती का पूजन किया जाना चाहिए. 
  • इस महीने में दान, यज्ञ, व्रत, देव पूजा, पितृपूजा आदि करने से भाग्य का साथ मिलता है और हर प्रकार के सुख की प्राप्ति भी होती है. 
  • इस महीने तीर्थयात्रा करना काफी शुभ माना जाता है.