भोपाल। विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों मुख्य पार्टियां भाजपा-कांग्रेस पूरे दमखम के साथ आमने-सामने आ गई है। अब चुनावी मैदान में जबानी जंग के साथ ही दोनों दल आम जनता को लुभाने के लिए राहत भरे वादों के तीर चला रही है। दोनो दलो द्वारा अभी तक की गई घोषणाओ को लेकर राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है, कि घोषणाओं के मामले में कमलनाथ ने शिवराज सिंह के मुकाबले काफी कम काफी कम घोषणाएं की हो, लेकिन फिर भी अपनी आर्कषक घोषणाओं के चलते उन्होंने शिवराज सिंह को चुनावी रण में पछाड़ दिया है। वही सीएम शिवराज सिंह चौहान और भाजपा खेमा मिलकर भी कमलनाथ के इन वादो और घोषणाओ का ने तो तोड़ ढूंढ पा रहा है, और ना ही नाथ द्वारा उठाए जा रहे भ्रष्टाचार के मुद्दों की ढाल तलाश सका है। गौरतलब है कि भाजपा ने लाड़ली बहना योजना के तहत महिलाओं को एक हजार रुपये प्रतिमाह देने की घोषणा की है, जिसका उससे काफी फायदा भी मिला था, लेकिन उसके जवाब में कमलनाथ ने नारी सम्मान योजना की घोषणा कर दी। कॉग्रेस की योजना में हर महिला को 1500 सौ रुपये दिये जाने का वादा किया गया है। ऐसे में कॉग्रेस उन सभी महिलाओ को साध रही है, जिन्हे भाजपा की लाड़ली बहना योजना का लाभ नहीं मिलेगा। इसके साथ ही 500 रु. में गैस सिलेंडर, एक मई यानी मजदूर दिवस पर सरकारी अवकाश, पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाने, कांग्रेस सरकार बनने पर कॉग्रेस शासित राज्यों की तरह एमपी में भी पुरानी पेंशन योजना लागू करने के साथ ही मुफ्त बिजली जैसै वादों से कमलनाथ शिवराज सिंह चौहान को पटखनी दे चूके है। ऐसा नहीं है कि शिवराज सिंह इन वादो की काट नहीं निकाल सकते लेकिन कमलनाथ के वादे सीएम शिवराज सिंह चौहान के लिये आफत इसलिये बन गये है, कि वह चाहकर भी मुफ्त की चीजों की घोषणा जब तक नहीं कर सकते जब तक उन्हें आलाकमान से इसका आदेश नहीं मिलता। वहीं केंद्र सरकार ऐसी योजनाओं को पहले ही बेकार बताकर विरोधियों पर जमकर हमले कर चूकी है, और अब फ्री घोषणाएं करने पर भी कॉग्रेस गढ़े मुर्दे उखाड़कर और आक्रमक हो जायेगी। इन्हीं का फायदा उठाकर कमलनाथ लगातार शिवराज सिंह को पटखनी दिये जा रहे है। आगामी चूनाव में कमलनाथ अपना खम ठोंककर मैदान में आ गये है, और इसके लिये कमलनाथ की नजर धर्म, संस्कृति, युवा, कर्मचारी के साथ ही हर वर्ग पर है। और वह हर वह चाल चलने में पहल कर रहे है, जिससे जनता में कॉग्रेस का क्रेज बढ़ता जा रहा है।