पाकिस्तान सुपर लीग के बीच गद्दाफी स्टेडियम से लाखों रुपये की चोरी हुई है। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड या गद्दाफी स्टेडियम के अधिकारियों की तरफ से इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि, कथित तौर पर गद्दाफी स्टेडियम से सीसीटीवी कैमरे, स्टेडियम में रोशनी के लिए लगे जनरेटर की बैटरी और सीसीटीवी कैमरों की फाइबर केबल के साथ कुछ अन्य चीजें भी चोरी हो गई हैं। चोरी हुई चीजों की कीमत 10 लाख पाकिस्तानी रुपये से ज्यादा है। स्थानीय मीडिया के अनुसार गद्दाफी स्टेडियम के अधिकारियों ने गुलबर्ग पुलिस स्टेशन में चोरी की शिकायत की है।  

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और अंतरिम पंजाब (पाकिस्तान) सरकार के बीच पहले से ही अनबन है। ऐसे में स्टेडियम में हुई चोरी ने पाकिस्तान सुपर लीग को मुश्किल स्थिति में डाल दिया है।
लाहौर और रावलपिंडी में होने वाले आगामी मैचों का भविष्य तय नहीं है। पीसीबी और अंतरिम पंजाब सरकार के बीच स्पष्ट 'सुरक्षा खर्च' को लेकर विवाद है। रिपोर्ट के अनुसार आयोजन स्थलों पर होने वाली सुरक्षा व्यवस्था की कुल लागत लगभग 500 मिलियन पाकिस्तानी रुपये है। हालांकि, पंजाब सरकार कथित तौर पर केवल 250 मिलियन पाकिस्तानी रुपयों का भुगतान करने को तैयार है और चाहती है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड बाकी 50 प्रतिशत खर्च खुद वहन करे।

पाकिस्तान बोर्ड ऐसा करने के लिए तैयार नहीं है। बोर्ड का कहना है कि सुरक्षा खर्च के लिए भुगतान करना प्रांतीय सरकार का कर्तव्य है। यदि विवाद का समाधान नहीं होता है, तो मैचों को लाहौर में स्थानांतरित किए जाने की संभावना है। पीसीबी के पूर्व अध्यक्ष रमीज राजा का मानना है कि अगर पीएसएल में इस तरह का बदलाव होता है तो इससे भारी नुकसान होगा।

इस मामले पर रमीज राजा ने कहा था, "पीएसएल आठ लाहौर/रावलपिंडी में नहीं खेला जाना एक बड़ा नुकसान होगा। यह होम एंड अवे कॉन्सेप्ट पर आधारित था। केवल एक शहर में मैच होने पर फैंस के बीच टूर्नामेंट का उत्साह खत्म हो जाएगा।"