भोपाल ।  अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस, शिवराज सरकार के कद्दावर मंत्रियों की घेराबंदी करेगी। इनके विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी की गतिविधियां बढ़ाई जाएंगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, अरुण यादव, सुरेश पचौरी, डा. गोेविंद सिंह सहित वरिष्ठ नेताओं के दौरे होंगे। कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करके कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया जाएगा। इतना ही नहीं जिन कार्यकर्ता को झूठे प्रकरण बनाकर फंसाया गया है, उनके लिए कानूनी लड़ाई भी पार्टी लड़ेगी। विभागवार आरोप पत्र जारी किए जाएंगे और घर-घर पर्चे भी बांटे जाएंगे। जिलेवार पत्रकारवार्ताएं भी आयोजित करने की कार्ययोजना बनाई गई है। पार्टी के निशाने पर मंत्रियों में डा.नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, कमल पटेल, विश्वास सारंग, गोविंद सिंह राजपूत, तुलसीराम सिलावट, डा. प्रभुराम चौधरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर सहित वे मंत्री भी हैं जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने विधानसभा चुनाव के लिए वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर जो कार्ययोजना तैयार की है, उसमें कद्दावर मंत्रियों की उन्हीं के क्षेत्र में घेराबंदी करना शामिल है। इसमें गृहमंत्री डा.नरोत्तम मिश्रा, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद सिंह, कृषि मंत्री कमल पटेल प्रमुख हैं। दतिया और सागर जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित किए जाने की सर्वाधिक शिकायतें भी हैं। पुलिस पर दबाव डालकर झूठे मामले भी बनवाए गए हैं। इनसे निपटने के लिए पार्टी ने मैदानी और कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर ली है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मोर्चा संभाला है। वे शनिवार को सागर का दौरा करेंगे और खासतौर पर खुरई विधानसभा क्षेत्र में कार्यकर्ताओं पर किए जा रहे अत्याचार की घटनाओं से संबंधित तथ्य जुटाएंगे। इसी क्रम में अगला दौरा दतिया का होगा। पार्टी ने तय किया है कि इन मंत्रियों के क्षेत्रों में बड़े कार्यकर्ता सम्मेलन किए जाएंगे और मतदान केंद्र पर सभी सहयोगी संगठनों की टीम तैनात की जाएगी। पूर्व विधायक पारस सकलेचा को आरोप पत्र तैयार करने का काम दिया गया है। उन्होंने कुछ विभागों से जुड़ी प्रमाणिक जानकारी भी जुटा ली हैं। मंत्रियों के क्षेत्र में कार्यक्रम कर आरोप पत्र जारी किए जाएंगे। जिलों में पत्रकारवार्ताएं होंगी। कुल मिलाकर रणनीति यह है कि नेताओं को उन्हीं के क्षेत्र में जाकर घेरा जाए ताकि कार्यकर्ताओं में भी यह प्रशासनिक अधिकारियों के बीच यह संदेश जाए कि उन पर भी कांग्रेस की नजर है और पक्षपात करने का नुकसान कांग्रेस की सत्ता आने पर उन्हें उठाना पड़ेगा। वहीं, कार्यकर्ताओं को भी यह भरोसा हो जाए कि सभी वरिष्ठ नेता उनके साथ खड़े हैं और किसी से डरने की जरूरत नहीं है। पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर का कहना है कि भाजपा से मुकाबले के लिए हर स्तर पर पार्टी तैयार है और कार्ययोजना बनाकर काम किया जा रहा है। मंत्रियों को उन्हीं के क्षेत्र में घेरा जाएगा। आने वाले दिनों में पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता जिलों का दौरा भी करेंगे।

सिंधिया समर्थक मंत्रियों पर नजर

उधर, पार्टी की नजर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्रियों पर भी है। ये सभी वे नेता हैं, जिनके कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी और कमल नाथ को मुख्यमंत्री से त्यागपत्र देना पड़ा था।