फॉर्मूला वन कार रेसिंग की शीर्ष वैश्विक संस्था एफआईए ने सात बार के एफ-1 चैंपियन ब्रिटेन के रेसर लुइस हैमिल्टन की नाक और कानों में पहने आभूषण की जांच करने के बाद ही उन्हें बहरीन में होने ग्रां प्री के लिए अभ्यास रेस में शामिल होने की अनुमति प्रदान की। पिछले साल हैमिल्टन का एफआईए से इस बात को लेकर टकराव हो गया था कि उन्होंने नाक में सोने की ज्वेलरी पहन रखी थी। 

एफआईए ने एफ-1 रेस में नोजपिन (ज्वेलरी) पहनकर उतरने पर रोक लगा दी थी। इस पर हैमिल्टन ने तर्क दिया है कि वह नाक में पहनी अपनी ज्वेलरी को निकाल नहीं सकते क्योंकि पहले वह ऐसा करते रहे हैं और इस कारण उनकी नाक में छाला हो जाता है। हैमिल्टन ने बाद में कहा है कि उनके आभूषणों को अनावश्वयक इतना तूल दिया जा रहा है और उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। केवल वहीं एकमात्र एफ-1 रेसर हैं जो ऐसे आभूषण पहनते हैं। लोग अपने को शक्तिशाली दिखाना और साबित करना चाहते हैं।

एफआईए ने अपने बयान में कान में पहने नोजपिन (नाक में सोने का आभूषण) का जिक्र नहीं किया लेकिन कहा कि हैमिल्टन को चिकित्सकीय आधार पर विशेष छूट दी गई है। चिकित्सा विशेषज्ञों की राय ली गई। नाक से नोजपिन को बार-बार हटाने लगाने से हैमिल्टन को परेशानी हो सकती है।

इस कारण मिली थी हैमिल्टन को छूट

पिछले साल मई में जब एफआईए ने आभूषणों पर रोक का फैसला लागू किया था तब हैमिल्टन विरोधस्वरूप मियामी ग्रां प्री में कई घड़ियां और अंगूठी पहनकर उतरे थे। उन्होंने तो यह भी धमकी दी थी कि वह रेसों में भाग लेने से भी हट सकते हैं। उसके बाद एफआईए ने छूट प्रदान कर दी। हैमिल्टन उसके बाद मोनाको में भी नोजपिन पहनकर खेले थे। हैमिल्टन ने कहा कि हर हफ्ते इस तरह के मुद्दों की जगह हमें कुछ बड़ा करने पर सोचना चाहिए।

पिछले साल नहीं जीत पाए कोई खिताब

ब्रिटेन के स्टार रेसर पिछले साल अपने करियर में पहली बार कोई ग्रां प्री नहीं जीत पाए। यहां तक कि उन्हें पोल पोजीशन भी हासिल नहीं हुई थी। शुक्रवार को उन्होंने पहले अभ्यास सत्र में उन्होंने दसवां तेज समय निकाला। दूसरे सत्र में वह आठवें स्थान पर रहे। उन्होंने कहा कि अभी बहुत कुछ काम किए जाने की जरूरत है। उन्हें लगता है कि वह इस सीजन में अपना रिकॉर्ड आठवां खिताब जीत सकते हैं। पिछले साल वह अबुधाबी में आठवें खिताब के करीब थे लेकिन उन्हें अंतिम चक्र में वर्स्टापेन से हार का सामना करना पड़ा । यह रेस विवादपूर्ण भी रही थी।