भारत का सबसे बड़ा ग्लोबल इन्वेस्टर समिट भोपाल में •पंकज पाठक•
ज्यों-की-त्यों धर दीन्हि चदरिया
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहली विदेश यात्रा इसी माह
मध्य प्रदेश बना इनवेस्टर समिट का प्रदेश
बीमारू से विकसित बनाने की कशमकश
भोपाल । भारत का सबसे बड़ा ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में होने जा रहा है । यह तीसरा ग्लोबल समिट है। विगत दो समिट इंदौर में आयोजित हुए थे । 7-8 फ़रवरी 2025 को भोपाल में होने वाले इस जम्बो और मैराथन समिट की तैयारियों को देखकर लगता है कि मध्य प्रदेश इनवेस्टर समिट का प्रदेश बन गया है । क्या इस क्षेत्र में भी मध्य प्रदेश प्रथम होने का दावा करेगा ? क्योंकि यहाँ क्षेत्रीय स्तर पर भी अनेक इन्वेस्टर समिट हो चुके हैं । पिछले तीन दशकों में आधा दर्जन मुख्यमंत्री यहाँ दर्जनों औद्योगिक निवेश सम्मेलन करा चुके हैं, जिनमें सरकार और उद्योगपतियों के बीच खरबों के निवेश समझौतों (एमओयू) पर हस्ताक्षर हो चुके हैं । पर इस प्रदेश की दिशा और दशा तीन दशक पहले जैसी ही है—पिछड़ी और बीमारू । अब मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नए सिरे से कमान सँभाली है एवं प्रदेश को पिछड़े और बीमारू हालात से बाहर लाने एवं विकसित राज्य बनाने के लिए औद्योगिक निवेश का ही रास्ता पकड़ा है । यही कारण है कि वे आगामी 24 नवंबर 2024 को एक सप्ताह की यूरोप यात्रा पर जा रहे हैं । मुख्यमंत्री के रूप में यह उनकी पहली विदेश यात्रा होगी । विदेश यात्रा के दौरान वे यूरोप के देशों में भारतीय मूल के निवेशकों एवं विदेशी निवेशकों को भोपाल के ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के लिए निमंत्रित करेंगे । उन्होंने घोषणा की है कि वर्ष 2025 उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जाएगा । उन्होंने कहा कि—“ जब तक ग्लोबल समिट फ़रवरी में नहीं हो जाता, तब तक रीजनल कॉन्क्लेव आयोजित किए जाते रहेंगे ।” इस कड़ी में अगला रीजनल कॉन्क्लेव आगामी 7 दिसम्बर 2024 को नर्मदापुरम संभाग में होगा ।
समिट और कॉन्क्लेव में सभी सेक्टर्स के उद्योगपतियों को आमंत्रित किया गया है, जिससे आईटी, हेल्थ, एजुकेशन, टूरिज्म, भारी उद्योग, एमएसएमई, लघु-कुटीर उद्योग सहित सभी प्रकार के उद्योग हैं ।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि—“सरकार ने उद्योग क्षेत्र के लिये वर्ष 2024-25 में 4 हजार 190 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा है । औद्योगिक निवेश को प्रोत्सहन देने के लिये प्रदेश में सिंगल विंडो सिस्टम, निवेश प्रोत्सहन और कस्टमाइज पैकेज जैसी सुविधाएं प्रदान की गई हैं । नये निवेशकों के लिए उद्योग मित्र नीतियों के साथ सरल और सुगम निवेश प्रक्रिया सुनिश्चित की जा रही है । उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए जिलों में इन्वेस्टमेंट फैसिलिटेशन सेंटरों की स्थापना प्रारंभ हो गई है ।”
डॉ. यादव ने कहा कि—“पिछले 8 माह में जो प्रयास हुए, उसमें उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, सागर और रीवा में हुई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव एवं मुंबई, कोयंबटूर, बैंगलुरू और कोलकाता में हुए रोड-शो के साथ हुए । इनमें विभिन्न सेक्टर्स में 2 लाख 76 हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे 3 लाख 28 हजार 670 रोजगार के अवसर सृजित होंगे ।”
(जनसंदेश टाइम्स, लखनऊ से साभार)