भोपाल । मध्यप्रदेश से हज यात्रा पर जाने के लिए आवेदन भरे जाने शुरू हो गए हैं। 10 मार्च तक आवेदन भरे जाएंगे। बदले में फीस एक रुपए भी नहीं लगेगी। अबकी बार भोपाल और दोनों जगह से सीधी फ्लाइट उड़ेगी। नेशनल हज कमेटी ने इंदौर से भी फ्लाइट उड़ाने की मंजूरी दे दी है। वहीं, पिछले साल की तुलना में अबकी बार हज का खर्च एवरेज 50 हजार रुपए तक कम रहेगा। एमपी से 5 हजार से ज्यादा यात्री हज करने जाएंगे। इंदौर से सीधी फ्लाइट उड़ाने के लिए एमपी हज कमेटी ने नेशनल हज कमेटी के चेयरमैन एपी अब्दुल्ला कुट्टी को लेटर भी लिखा था। भोपाल से सीधी फ्लाइट उड़ाने का आश्वासन पहले ही मिल चुका है।

हज हाउस में टीम लगाई
हज कमेटी के अध्यक्ष रफत वारसी ने बताया कि हज के लिए 10 फरवरी से आवेदन भरने शुरू हो गए हैं, जो 10 मार्च तक भरे जाएंगे। आवेदन ऑनलाइन भरे जा रहे हैं। यदि किसी को आवेदन भरने में कोई दिक्कत आ रही हो तो वे हज हाउस आ सकते हैं। यहां एक टीम फार्म भरने के लिए तैनात की गई है। पहले फार्म भरने के 300 रुपए लगते थे, जो इस बार नहीं ले रहे हैं।

इंदौर से भी उड़ेगी फ्लाइट
अध्यक्ष वारसी ने बताया कि पहले भोपाल और इंदौर से मदीना के लिए सीधी स्पेशल फ्लाइट थी, जिसे बंद कर दिया गया। पिछले साल तक हज यात्रियों को मुंबई से जाना पड़ता था। इस कारण हज यात्रियों को ज्यादा राशि चुकाना पड़ती थी। इसलिए दिसंबर में हुए सेमिनार में मांग रखी गई थी कि आगामी हज यात्रा के लिए भोपाल और इंदौर से फ्लाइट चालू रहे। नेशनल कमेटी के अध्यक्ष कुट्?टी ने भोपाल से फ्लाइट उड़ाने का आश्वासन तभी दे दिया था। इंदौर से भी सीधी फ्लाइट उड़े, इसलिए लेटर लिखा गया। केंद्र स्तर से बात करने के बाद इंदौर से भी सीधी फ्लाइट उड़ाने की मंजूरी दे दी गई है।

कम होगा हज यात्रा का खर्च
अबकी बार हज यात्रा के खर्च में भी कटौती रहेगी। जानकारी के अनुसार, वर्ष 2022 की हज यात्रा में 3.35 लाख से लेकर 4.07 लाख रुपए तक प्रति यात्री खर्च हुआ था। वर्ष 2019 की तुलना में यह 25त्न तक ज्यादा था। 2019 में हज यात्रियों को 2.36 से 2.82 लाख रुपए तक खर्च आता था। इससे यात्रियों को आर्थिक रूप से भी परेशानी उठाना पड़ी। खर्च कम करने को लेकर नेशनल हज कमेटी के अध्यक्ष कुट्?टी से चर्चा की गई थी। अध्यक्ष वारसी ने बताया कि इस बार एक यात्री का खर्च औसत 50 हजार रुपए कम होगा।

पांच हजार यात्रियों को मिलेगा मौका
मध्यप्रदेश से राज्य हज कमेटी के माध्यम से औसतन 4800 यात्री हज करने जाते हैं। वर्ष 2019 में ये आंकड़ा 6000 को छू गया था, जबकि 2022 में ये घटकर 2,275 रह गया था। पिछले साल कोटा 1780 ही मिला था। इस बार का कोटा पांच हजार यात्रियों का मिलने की उम्मीद है। अध्यक्ष वारसी ने बताया कि भारत को एक लाख 75 हजार का कोटा मिला है। जिसमें से मध्यप्रदेश के पांच हजार यात्रियों को मौका मिलेगा।