रूस-यूक्रेन संघर्ष 2022 में शुरू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पहली मॉस्को यात्रा है। इस दौरान वह राष्ट्रपति पुतिन से मिले और अनौपचारिक बैठक भी की। आज यानी मंगलवार को भारत और रूस के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी।भारत ने हमेशा क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता सहित संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सम्मान करने का आह्वान किया है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय पक्ष रूसियों को यह बताएगा कि 'युद्ध के मैदान में कोई समाधान नहीं है' और 'बातचीत और कूटनीति ही आगे का रास्ता है।'ये टिप्पणियां अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर की सोमवार को की गई प्रतिक्रिया के बाद आई हैं। 

दरअसल, उन्होंने कहा था कि अमेरिका भारत को रूस पर यह दबाव डालने के लिए प्रोत्साहित करेगा कि यूक्रेन संघर्ष का कोई भी समाधान संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुरूप हो। मिलर ने कहा कि भारत एक रणनीतिक साझेदार है जिसके साथ हम खुली और ईमानदार चर्चा करते हैं, जिसमें रूस के साथ उसके संबंधों के बारे में हमारी चिंताएं भी शामिल हैं।'बता दें कि मिलर की यह टिप्पणी पीएम मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच सोमवार को नोवो-ओगारियोवो निवास पर हुई अनौपचारिक बैठक के बाद आई है। इस बैठक में दोनों देशों के बीच संबंधों के आगे विकास की संभावनाओं पर चर्चा की गई।

इस बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा की और मंगलवार को आगे की विस्तृत चर्चा होगी। सरकारी सूत्रों के अनुसार, भारत का दृष्टिकोण है कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं खोजा जा सकता। स्वाभाविक रूप से संघर्ष के समाधान के लिए दोनों पक्षों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से आगे आना चाहिए।एक्स पर अपने पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा कि वह मंगलवार को होने वाली विस्तृत चर्चाओं की प्रतीक्षा कर रहे हैं, 'आज शाम नोवो-ओगारियोवो में मेरी मेजबानी करने के लिए राष्ट्रपति पुतिन का आभार। कल की हमारी वार्ताओं की भी प्रतीक्षा कर रहा हूं, जो निश्चित रूप से भारत और रूस के बीच मैत्री के बंधन को और मजबूत करने में एक लंबा रास्ता तय करेगी।'