इजराइल: गाजा युद्ध में अपने लक्ष्य को प्राप्त न करने के बाद अब इजराइल सेना ने अपना पूरा ध्यान वेस्ट बैंक की बस्तियों में दे दिया है. गाजा से इजराइल सेना की वापसी के बाद पूरे इजराइल में नेतन्याहू के नेतृत्व की आलोचना की जा रही है. गाजा युद्ध विराम के बाद इजराइल सेना वेस्ट बैंक में टैंक, बुल्डोजरों और अन्य घातक हथियारों के दाखिल हुई है और लगातार घरों और नागरिक ढांचों को तबाह कर रही है. इजराइल सेना की कार्रवाई इतनी खौफनाक है कि वेस्ट बैंक के जेनिन शरणार्थी शिविर और तुलकरम शहर से करीब 40 हजार फिलिस्तीनियों ने अपना घर छोड़ दिया है. खाली हुई बस्तियों पर इजराइल सेना ने कब्जा कर लिया है और वहां मौजूद पानी, सड़क और अन्य मूलभूत सुविधाओं को नष्ट कर रही है.

रहने लायक नहीं रहा जेनिन
इजराइल सेना जब गाजा से वापस लौटी तो उसने वहां की ज्यादातर नागरिक इमारतों को नष्ट कर दिया. गाजा के लोग इस समय टेंटों में रहने के लिए मजबूर हैं और खाना, पानी और दवाइयों के लिए भी बाहरी मदद पर निर्भर हैं. अब कुछ ऐसा ही वेस्ट बैंक में हो रहा है, जेनिन नगरपालिका के प्रवक्ता बशीर मथाहेन ने उत्तरी गाजा में शरणार्थी शिविर का जिक्र करते हुए कहा, ''जेनिन में जो कुछ हुआ, वह जबालिया में हुआ था. इस शरणार्थी शिविर को इजराइली सेना ने हफ्तों की भीषण लड़ाई के बाद खाली करा दिया है और शिविर रहने लायक नहीं बचा है.''

सेना का मुकाबला कर रहे विद्रोही
जेनिन और तुलकराम में घुसी सेना को वहां के विद्रोहियों से कड़ा प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है. इजराइली चैनल 14 ने बताया कि सेना और खुफिया अधिकारी जेनिन और तुलकरम में सड़कें बना रहे हैं ताकि सेना की आवाजाही को आसान बनाया जा सके और प्रतिरोध सेनानियों को विस्फोटक उपकरण लगाने से रोका जा सके. एक वरिष्ठ इजराइली सैन्य सूत्र ने खुलासा किया कि सेना कम से कम साल के अंत तक इस क्षेत्र में रहने की योजना बना रही है. बता दें, जेनिन, तुलकरम और नूर शम्स से 40 हजार फिलिस्तीनी पहले ही विस्थापित हो चुके हैं और इन क्षेत्रों में UNRWA के संचालन को रोक दिया गया है. हमास ने इजराइल की सैन्य कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि 40 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों के जबरन विस्थापन के लिए एक एकीकृत प्रतिरोध मोर्चे की आवश्यकता है. हमास ने कहा कि फिलिस्तीनी प्रतिरोध सक्रिय है और इन इजराइली योजनाओं का मुकाबला करेगा.