मुख्यमंत्री यादव का अपने निवास पर किया स्वागत-सम्मान

केन-बेतवा से बुंदेलखंड को पानी देने से उमा बेहद प्रसन्न

भोपाल । मध्य प्रदेश की राजनीति में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के बीच एक नए राजनीतिक समीकरण ने जन्म ले लिया है। कल रात एकाएक साध्वी उमा ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को सम्मानित कर किया । उमा ने मुख्यमंत्री को अंगवस्त्रम् ओढ़ाकर स्वागत-सम्मान किया । यादव पहले मुख्यमंत्री हैं, जिनसे उमा के सहज, सरल एवं भावनात्मक, आत्मीय संबंध हैं । वरना सुंदरलाल पटवा, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान के साथ उमा के वैसे संबंध नहीं रहे हैं ।

बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की समस्या का निराकरण करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना प्रारंभ करने से उमा काफ़ी प्रसन्न हैं । वे इस क्षेत्र की खजुराहो संसदीय सीट का भाजपा की ओर से लगातार चार बार प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं और इस क्षेत्र की मलेहरा विधानसभा सीट से विधायक भी रही है। इसलिए उन्होंने मुख्यमंत्री निवास जाकर डॉ. यादव का अभिनंदन करने की इच्छा प्रकट की । लेकिन मुख्यमंत्री ने कहा है कि वह स्वयं उनके बंगले पर आएँगे और वे उमा के श्यामला हिल्स स्थित शासकीय बँगले पर पहुँचे ।

वर्ष 2003 पहली बार भाजपा विधायक बनने के बाद मोहन यादव वर्ष 2004 से वर्ष 2009 तक उज्जैन विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे हैं । इस दौरान मुख्यमंत्री के पद पर उमा भारती, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान रहे । यादव चूँकि संघ और संगठन से सम्बंधित रहे, अतः उनका सभी नेताओं के साथ अच्छा तालमेल था । पर प्राधिकरण का अध्यक्ष उन्हें उमा ने बनाया था । कैलाश विजयवर्गीय उस ज़माने में उज्जैन के प्रभारी मंत्री थे और रघुनंदन शर्मा भाजपा के,  उज्जैन के संभागीय संगठन मंत्री के पद पर थे । दूसरी बार विधायक बनने के बाद उन्हें 2011 में शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश राज्य पर्यटन विकास निगम का अध्यक्ष बनाया और कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था । तीसरी बार विधायक बनने के बाद चौहान ने उन्हें उच्च शिक्षा मंत्री बनाया था । चौथी बार विधायक बनने के बाद मोदी-शाह ने उन्हें मुख्यमंत्री बना दिया । इस प्रकार वे किसी खेमे से नहीं जुड़े, बल्कि सभी ने उन्हें आगे बढ़ाया और वे संघ तथा संगठन से ही जुड़े रहे ।

कल रात सुश्री भारती ने कहा कि बुंदेलखंड अंचल की तस्वीर बदलने वाली विश्व की पहली नदी जोड़ो परियोजना केन-बेतवा का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया जाना अभिनन्दनीय है। इस परियोजना की मंजूरी कई वर्षों से लंबित थी। मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. यादव के प्रयासों से ही यह संभव हो सका है । यह अपने आप में एक महत्वपूर्ण परियोजना है।

उमा ने कहा कि बाढ़ और सूखा दोनों अपनी तरह की समस्याएँ हैं । विभिन्न क्षेत्रों में यह समस्याएँ उत्पन्न होती हैं और इन दोनों समस्याओं के समाधान का महत्वपूर्ण उपाय नदी जोड़ो परियोजना ही है। केन-बेतवा नदी जोड़ो सामान्य परियोजना न होकर अर्थव्यवस्था को बदलने वाली परियोजना है । पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल जी का सपना भी इन प्रयासों से पूरा हो रहा है ।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वे मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निवास जाकर ही उन्हें केन- बेतवा परियोजना से भूमि-पूजन पर धन्यवाद देना चाहती थीं । पर मुख्यमंत्री ने आग्रहपूर्वक कहा कि वे स्वयं ही भेंट करने आ रहे है। उनके आगमन एवं बुंदेलखंड अंचल के साथ संपूर्ण प्रदेश की समृद्धि की दृष्टि से केन-बेतवा परियोजना की शुरुआत में डॉ. यादव की महत्वपूर्ण भूमिका से उन्हें हार्दिक प्रसन्नता हुई है। वर्षों से लंबित परियोजना को मुख्यमंत्री ने एक वर्ष के कार्यकाल में ही संभव बना दिया।

(जनसंदेश टाइम्स, लखनऊ से साभार)