राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) मुख्य विपक्षी दलों में से एक है, जो हर कदम पर बीजेपी की आलोचना करती रहती है, लेकिन अब नागालैंड में एनसीपी चीफ शरद पवार ने मास्टर स्ट्रोक चला है।

वहां पर उन्होंने एनडीपीपी-बीजेपी सरकार को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। ऐसे में देखा जाए तो राज्य में अब विपक्ष पूरी तरह से खत्म होता नजर आ रहा।

दरअसल दो मार्च को नागालैंड विधानसभा चुनाव के परिणाम आए थे। वहां पर कुल 60 सीटें हैं, जिसमें से बहुमत के लिए 31 सीटें चाहिए। इस बार एनडीपीपी के खाते में 25 सीटें गईं, जबकि 12 सीटें बीजेपी के पास हैं। इस तरह बीजेपी-एनडीपीपी गठबंधन ने सरकार का गठन किया और मंगलवार को नेफ्यू रियो ने पांचवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद थे।

वहीं एनसीपी ने वहां पर 7 सीटें जीती थीं, ऐसे में उसके पास विपक्ष के नेता पद का दावा करने की संख्या थी, लेकिन पिछले हफ्ते पार्टी के पूर्वोत्तर प्रभारी नरेंद्र वर्मा ने नागालैंड का दौरा किया। उनको पार्टी के विधायकों ने बताया कि वो सरकार में शामिल होना चाहते हैं। इसके बाद बुधवार को एनसीपी ने आधिकारिक पत्र जारी कर सरकार के समर्थन का ऐलान कर दिया।

मामले में नरेंद्र वर्मा ने कहा कि नागालैंड के नवनिर्वाचित विधायकों और एनसीपी की स्थानीय इकाई की राय थी कि हमें सरकार का हिस्सा होना चाहिए, जिसका नेतृत्व एन. रियो कर रहे हैं। सीएम रियो के हमारी पार्टी के साथ अच्छे संबंध हैं। एनसीपी चीफ के सामने ये प्रस्ताव रखा गया था, उन्होंने अंतिम फैसला स्थानीय इकाई के ऊपर छोड़ दिया था। सभी से विचार विमर्श के बाद पार्टी ने ये फैसला लिया है।

इन दलों ने दे रखा है समर्थन

वहीं एनपीपी ने पांच, लोजपा (रामविलास), नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) और आरपीआई (अठावले) ने दो-दो, जद (यू) ने एक और निर्दलीय ने चार सीटें जीती हैं। इसमें से ज्यादातर ने सरकार का समर्थन कर दिया है। ऐसे में नागालैंड अब विपक्ष विहीन नजर आ रहा।