मप्र में फिर से भाजपा सरकार बनवाएं
25 साल तक रहने दें यही सरकार, किसी के भटकाने में ना आएं
हाईकोर्ट ने संजय कुमार मिश्रा को कहा था भाजपा का एजेंट

पन्ना । प्रदेश में भाजपा सरकार इनदिनों विकास यात्रा निकाल रही है। यात्रा के दौरान मंत्रियों, विधायकों और भाजपा नेताओं को जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें वे कह रहे हैं कि मप्र में फिर से भाजपा की सरकार बनवाएं। पन्ना कलेक्टर पहले भी अपने विचारों के चक्कर में विवादों में फंस चुके हैं। इन पर हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि पन्ना कलेक्टर पॉलिटिकल एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इन्हें पद से हटा देना चाहिए।दरअसल, 8 फरवरी को पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा सरकार की विकास यात्रा में शामिल हुए थे। वह अमानगंज में आमसभा को संबोधित कर रहे थे। इस आमसभा में अधिकारी और भाजपा के कार्यकर्ताओं भी बड़ी संख्या में शामिल हुए थे। इस आमसभा में उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते हैं कि जनता के आशीर्वाद से चौथी बार भाजपा की सरकार प्रदेश में बनी है। माननीय मोदी जी कहते हैं कि आजादी का अमृत काल चल रहा है। शताब्दी 25 साल बाद मनाई जाएगी। हमारे प्रधानमंत्री जी का सपना है कि जब शताब्दी मैंने तब भी यही सरकार रहे। आपको अगले 25 साल तक इसी मेहनत से इस सरकार के साथ बने रहना है। किसी के भटकाने में आने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है।

कांग्रेस ने साधा निशाना
प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य श्रीकांत पप्पू दीक्षित ने गरूवार को प्रेसवार्ता का आयोजन किया और इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों जबलपुर हाई कोर्ट ने कलेक्टर पन्ना संजय कुमार मिश्र पर टिप्पणी करते हुए उन्हें भाजपा का एजेंट कहा था। आज यह टिप्पणी पूरी तरह सही हो गई है। कलेक्टर पन्ना ने अपने पद की मर्यादा के इतर भाजपा एजेंट की तरह सभा को संबोधित किया और लोगों को भाजपा के पक्ष में वोट करने के लिए प्रेरित किया, जो कहीं से भी सही नहीं है। श्रीकांत दीक्षित ने कहा कि इस तरह का बयान सीधे तौर पर एक पार्टी विशेष के लिए प्रेरित करना है, जो एक आईएएस स्तर के अधिकारी को कतई शोभा नहीं देता। इस मामले पर कांग्रेस पार्टी आईएएस एसोसिएशन को पत्र लिखकर शिकायत करेगी। कांग्रेस राज्यपाल से मांग करेगी कि ऐसे कलेक्टर को तत्काल हटाया जाए। लोकतंत्र में न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के अपने दायित्व हैं। यही लोकतंत्र की शोभा है। लेकिन कलेक्टर का अपने पद पर रहते हुए इस तरह एक पार्टी विशेष के पक्ष में काम करना बेहद आपत्तिजनक है।