प्रयागराज महाकुंभ के लिए भोपाल में रोड-शो •पंकज पाठक•
दो मंत्रियों स्वतंत्र देव सिंह और दिनेश प्रताप सिंह उन्होंने किया रोड-शो का नेतृत्व
कहा— पहले से अधिक होगा दिव्य और भव्य, वैश्विक एकता का देंगे संदेश
भोपाल । गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम के तट पर प्रयागराज महाकुंभ-2025 का शुभारंभ 44 घाटों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा के साथ होगा और इसी के साथ 45 दिनों तक चलने वाले इस आध्यात्मिक सत्संग का श्रीगणेश हो जाएगा । इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं । इसमें 45 करोड़ तीर्थयात्रियों, साधु-संतों, कल्पवासियों और पर्यटकों के आने की संभावना है । इस दृष्टि से उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी समुचित प्रबंध किए हैं । यह वैश्विक धार्मिक समागम 19 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित किया गया है । उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संबंध में कल भोपाल में रोड-शो किया । इसमें उप्र शासन के दो मंत्री शामिल हुए । ये है— जलशक्ति तथा बाढ़ नियंत्रण मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह । दोनों मंत्रियों ने रोड-शो का नेतृत्व किया ।
मंत्री-द्वय ने यहाँ बताया कि सरकार पूरे विश्व में इस आयोजन के लिए सभी को आमंत्रित कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह आयोजन किया जा रहा है । दोनों नेताओं ने कहा कि वे यहाँ पूरे मध्य प्रदेश को आमंत्रित करने के लिए आए हैं और इसी सिलसिले में रोड-शो का आयोजन किया है । मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव तथा प्रदेश की जनता को भी आमंत्रित किया है ।
आपने कहा कि यह समागम भारतीय संस्कृति और एकता का वैश्विक प्रतीक बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है । हमारी सरकार महाकुंभ में अंतरराष्ट्रीय सहभागिता और अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ इसे ऐतिहासिक बनाने की दिशा में अहम और प्रभावी क़दम उठा रही है है । महाकुंभ भारत की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक चेतना का स्पंदन है । यह—“ एक भारत-श्रेष्ठ भारत-समावेशी भारत” की दिव्य और जीवंत झाँकी है ।
स्वतंत्र देव सिंह ने पत्रकारों से कहा की आप में से बहुत से ऐसे होंगे, जिनके पास प्रयागराज महाकुंभ-2019 का दिव्य और भव्य अनुभव होगा । भारतीय सांस्कृतिक गौरव के रूप में जिसकी अविस्मरणीय छवि विश्व पटल पर अंकित हुई थी । यही नहीं, मेले के कुशल प्रबंधन की भी पूरी दुनिया ने एक मुक्त कंठ से सराहना की थी । इस बार का महाकुंभ पिछले महाकुंभ की तुलना में और भी अधिक दिव्य और भव्य होगा ।
(जनसंदेश टाइम्स, लखनऊ से साभार)