नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और उनकी पत्नी स्पोर्ट्स प्रेजेंटर संजना गणेशन ने अपनी पहली मुलाकात की कहानी शेयर की है। इन दोनों की पहली मुलाकात 2019 वर्ल्ड कप जो कि इंग्लैंड में खेला गया था, तब हुई थी।

संजना ने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि उन्हें बुमराह को पहली बार देखकर लगा था कि वह सिंगल नहीं है। इस दौरान बुमराह कहते हैं कि वह शर्मीले थे।

बता दें कि दोनों ने कुछ महीने डेटिंग करने के बाद साल 2021 में शादी की और अब उनका एक बेटा अंगद है, जिसका जन्म 2023 में हुआ था। हाल ही में बुमराह और उनकी वाइफ संजना पूर्व क्रिकेटर हरभजन सिंह और बॉलीवुड एक्ट्रेस गीता बसरा के शो में पहुंचे, जहां उन्होंने कई अहम खुलासे किए।

Jasprit Bumrah क्यों Sanjana Ganesan को शादीशुदा लगे थे?

दरअसल, साल 2019 विश्व कप के दौरान की एक घटना को शेयर करते हुए संजना गणेशन ने स्पोर्ट्सकीड़ा को बताया कि वह अभ्यास सत्रों के दौरान अक्सर खिलाड़ियों के आस-पास रहती थीं। 
उन्होंने कहा कि दिनेश कार्तिक जैसे खिलाड़ी उन्हें देखकर हाय कहते थे, लेकिन जसप्रीत बुमराह उन्हें देखकर एक अजीब सा चेहरा बना लेते थे।

संजना ने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि उस वक्त वह सोचती थी कि शायद बुमराह की शादी हो चुकी है या फिर उनकी गर्लफ्रेंड हैं। 

संजना ने बताया,

"मुझे लगा शायद गर्लफ्रेंड होगी, वाइफ होगी। वह उसे कहीं से बैठे हुए देख रही होगी। मैंने उसे नोटिस किया क्योंकि उसने एक दीवार बना रखी थी और वह ऐसा था कि 'मैं तो 'हाय' नहीं बोलूंगा, आई कॉन्टैक्ट भी नहीं बनाऊंगा। मैं तो ऐसे देखूंगा। मुझे लगा या तो मैंने कुछ किया है या यह उसकी पर्सनैलिटी है।"

बुमराह ने संजना को कब किया प्रपोज?

साल 2020 का समय था जब कोरोना काल था। हर टीम बबल में थी। किस्मत से संजना केकेआर में थी और बुमराह मुंबई इंडियंस में। दोनों टीमें अबू धाबी में थी।

बुमराह एक अंगूठी लेकर आए और इस उम्मीद में कि टूर्नामेंट खत्म होने के बाद शायद उन्हें मौका मिलेगा, क्योंकि दोनों की मुलाकात ग्राउंड के बाद नहीं हो पाती थी बबल की वजह से। बुमराह ने अपनी ये लव स्टोरी हरभजन सिंह और उनकी वाइफ गीता के यूट्यूब चैनल पर बताई।

बुमराह ने आगे कहा कि केकेआर बाहर हो गई, तब मैंने लोगों से कहा कि यार मैं ये अंगूठी लाया हूं। प्लीज एक बबल से दूसरे बबल में ट्रांसफर की व्यवस्था करो। व्यवस्था हो गई। जब वह आई तब सब कुछ मैंने ही किया। मैंने खुद केक रखा। कमरे में सब कुछ सजाया और रिंग लेकर आया था। तभी संजना इस घटना को याद करते हुए कहती हैं,

"मैं कमरे में आई तो यह कहने लगे कि बालकनी में चलो। मैं सोच रही थी कि मैं तो अभी आ ही रही हूं, कम से कम मुझे पानी तो दे दो, लेकिन वह कहते रहे, नहीं-नहीं, बालकनी में चलो।"