मणिपुर में कई दिनों से जारी बारिश की वजह से बुधवार रात नोनी जिले के तुपुल रेलवे स्टेशन के पास हुए भूस्खलन की चपेट में 107 टेरिटोरियल आर्मी का कैंप आ गया। इस हादसे के बाद दर्जनों जवान मिट्टी में दब गए। अब तक 7 जवानों के शव बाहर निकाले जा चुके हैं, जबकि 13 जवानों को रेस्क्यू कर लिया गया है। वहीं, 30-40 से ज्यादा अभी दबे हुए हैं। मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह इसे लेकर एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। घायलों की मदद के लिए डॉक्टरों की एक टीम मौके पर रवाना हो गई है।
भूस्खलन के वजह से इजाई नदी का प्रवाह भी प्रभावित हुआ है। कुछ नागरिकों के भी मलबे में दबे होने की आशंका है।जिला प्रशासन आस-पास के ग्रामीणों को सावधानी बरतने और जल्द से जल्द जगह खाली करने की एडवाइजरी जारी की है। मलबे की वजह से इजाई नदी ब्लॉक हो गई है। जिससे एक ही जगह पर जल भराव के कारण बांध जैसी स्थिति बन गई है। अगर यह टूट गया तो निचले इलाकों में और ज्यादा तबाही मच सकती है।असम और मणिपुर समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में लगातार बारिश से बाढ़ के हालात बने हुए हैं। असम में तो 10 दिनों में अब तक करीब 135 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लाखों लोग प्रभावित हैं। वहीं, मौसम विभाग के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर और सिक्किम में आगे भी बारिश के आसार बने हुए हैं।