भोपाल ।   भोपाल के बैरागढ़ (संत हिरदाराम नगर) में प्रस्तावित एलीवेटेड ब्रिज के विरोध में शुक्रवार को कई व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखीं। कांग्रेस ने बंद का आह्वान किया था। दोपहर 2 बजे तक दुकानें बंद रही। व्यापारियों की मांग है कि ब्रिज बने, लेकिन शहर के बीचोंबीच से न निकालकर तालाब किनारे से बनाया जाए। इससे व्यापारियों का नुकसान भी नहीं होगा और शहर भी खूबसूरत रहेगा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नरेश ज्ञानचंदानी, जिलाध्यक्ष मोनू सक्सेना, महिला कांग्रेस अध्यक्ष संतोष कंसाना समेत कई कांग्रेसी भी बंद के दौरान बाजारों में घूमे। कांग्रेस नेता ज्ञानचंदानी ने कहा कि ब्रिज बनने से दुकानें टूटेंगी ही, साथ में व्यापारियों को परेशानी भी होगी। इसके लिए सभी व्यापारियों से सहमति ली जानी चाहिए। एकतरफा कोई फैसला न हो। यह ब्रिज तालाब के किनारे ही बनाया जाना चाहिए।

दोपहर 2 बजे के बाद खुली दुकानें

दोपहर 2 बजे तक बैरागढ़ की अधिकांश दुकानें बंद रही। इसके बाद ही दुकानें खुली। बता दें कि बैरागढ़ में कपड़े का बड़ा मार्केट है। यहां पर हर रोज करीब डेढ़ सौ किलोमीटर के दायरे के व्यापारी कपड़ा खरीदने आते हैं।

ब्रिज को लेकर दो बातें

कुछ दिन पहले कांग्रेसियों ने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से भी मुलाकात की थी। इस दौरान पूर्व सीएम को एक नक्शा भी दिखाया गया था। जिसमें ब्रिज की चौड़ाई 44 मीटर बताई गई थी। कांग्रेसियों का कहना है कि शहर में 22 मीटर जगह उपलब्ध है। यदि 44 मीटर ब्रिज बना तो शहर की सभी दुकानें टूटेगी। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने खुले मंच से एलीवेटेड ब्रिज को लेकर विरोध जताया है। ब्रिज की चौड़ाई को लेकर पीडब्ल्यूडी अफसरों ने अपना पक्ष रखा है। ईई ब्रिज जावेद शकील का कहना है कि जो नक्शा सामने आ रहा है, वह एक गुगल मैप है। जिसमें किसी ने शुरुआत से आखिरी तक 44 मीटर लाइन कर दी। यह नक्शा कोई ऑफिशियल नक्शा नहीं है, बल्कि फर्जी है। 44 मीटर चौड़ाई का कोई इश्यू नहीं है। एक ओर साढ़े 10 मीटर की लेन है और दूसरी ओर भी इतनी ही चौड़ाई है। यानी, कुल 21 मीटर चौड़ाई रहेगी। वर्तमान में ब्रिज निर्माण के दौरान 24 मीटर की चौड़ाई हर जगह उपलब्ध है। हमने भी नप्ती की है। जिसमें कोई निर्माण नहीं आ रहा है। यह बीआरटीएस की सेंटर लाइन से ब्रिज शुरू होगा। लाऊखेड़ी के पास 44 मीटर चौड़ाई रहेगी, जबकि आखिरी में कुछ मीटर यही चौड़ाई रहेगी। संत हिरदाराम नगर में यह चौड़ाई नहीं है। यह ब्रिज व्यापारियों के लिए वरदान साबित होगा, क्योंकि 60 प्रतिशत ट्रैफिक संत हिरदाराम नगर से बाहर ही निकल जाएगा, जबकि मार्केट में आने वाली 40 प्रतिशत जनता को कोई दिक्कत नहीं होगी।