नेपाल की अर्थव्यवस्था पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। अगर सरकार ने तुरंत प्रभावी कदम नहीं उठाए तो आने वाले दिनों में हालात बेहद खराब हो सकते हैं। देश के तीन पूर्व वित्त मंत्रियों बिष्णु पौडेल, सुरेंद्र पांडे और डा। युबराज खातिवाड़ा ने रविवार को वर्तमान आर्थिक परिदृश्य पर नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से संयुक्त वक्तव्य जारी किया। तीनों पूर्व मंत्रियों ने कहा कि अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए तुरंत प्रभावी कदम उठाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महंगाई लगातार बढ़ रही है। विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घट रहा है। अर्थव्यवस्था को सही रास्ते पर लाने के लिए अर्थशास्त्रियों, पत्रकारों और अन्य संबंधित अधिकारियों को अपनी तरफ से सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। केंद्रीय बैंक के गवर्नर महा प्रसाद अधिकारी को निलंबित करने के फैसले को उन्होंने गलत फैसला करार दिया। वस्तुओं और सेवाओं के आयात के लिए नेपाल के पास अब केवल छह महीने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार बचा है।

केंद्रीय बैंक ने विलासिता से जुड़ी अन्य वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। जुलाई 2021 के बाद से नेपाल में बढ़ते आयात और पर्यटन और निर्यात से कम आय के कारण विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है। केंद्रीय बैंक के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2022 तक नेपाल का सकल विदेशी मुद्रा भंडार जुलाई 2021 के मुकाबले 17 प्रतिशत घटकर 9।75 बिलियन अमेरिकी डालर हो गया। जुलाई 2021 के मध्य में यह 11।75 बिलियन अमेरिकी डालर था।