मीडिया जैसी सहनशक्ति किसी क्षेत्र में नहीं : कुलपति प्रो. के. जी. सुरेश
भोपाल। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के जी सुरेश ने कहा कि पत्रकार का संवेदनशील होना ही परोपकार करने की गारंटी है।भोपाल में ब्रह्माकुमारीज मेडिटेशन सेंटर पीस पैलेस,रातीबड़ में पत्रकारिता से परोपकारिता विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मीडिया में हर तरह के दबाव ,भेदभाव,आलोचनाओं,,उल्हानो ,आरोपों और नकारात्मक विशेषणों को सहन करने की क्षमता है जो दूसरे किसी क्षेत्र में दिखाई नही देती है। प्रो. सुरेश ने कहा कि सकारात्मक एंगल पाठक वर्ग में भरोसा पैदा करता है और समाज को नई दिशा देने में अपना किरदार निभा सकता है ।कार्यक्रम में बोलते हुए विशिष्ठ अतिथि पंकज पाठक ने कहा कि पत्रकारिता का मूल भाव ही परोपकारिता है। आश्रम की संचालिका बीके संध्या बहन ने कहा कि मीडियाकर्मी खुद की शांति और कर्मयोग को सफल बनाने के लिए राजयोग मेडिटेशन को आत्मसात करे। इस मौके लर प्रो. सुरेश ने प्रदेश के कई जानेमाने पत्रकारों को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मान किया।सम्मानित हुए पत्रकारो में के डी शर्मा,प्रवाल सक्सेना,शाहिद कामिल,के एस शाइनी,अभिषेक खरे, सुनीलदत्त तिवारी,आरती शर्मा,डॉ नज़र महमूद,सुभाष श्रीवास्तव,महेंद्र विश्वकर्मा , अभिषेक शर्मा ,सुश्री स्मिता, अंशुमन खरे और वरिष्ठ फोटोग्राफर शरद श्रीवास्तव थे।पत्रकरों ने भी विषय पर अपने अपने विचार रखे।