देश के शीर्ष पत्रकारिता विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर के लिए घमासान •पंकज पाठक•
ज्यों-की-त्यों धर दीन्हि चदरिया
35 सालों में पहली बार पद विज्ञापित किया
सर्च कमेटी का तीन नामों का पैनल अगले माह
भोपाल । टॉप चेन में शामिल, भोपाल स्थित, देश के बड़े और प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान—माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलगुरु (कुलपति) के चयन को लेकर इस बार भारी खींचतान मची हुई है । अभी तक केंद्रीय नेतृत्व के दख़ल से इस पद पर नियुक्ति की जाती रही है । पर मुख्यमंत्री की राय लेने की मानो परंपरा ही नहीं रही । जबकि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव विश्वविद्यालय की महापरिषद के अध्यक्ष हैं और यह विश्वविद्यालय भी राज्य शासन के जनसंपर्क विभाग का है । यह विभाग मुख्यमंत्री के अधीन है । यही कारण है कि विश्वविद्यालय के 35 सालों के इतिहास में पहली बार वाइस चांसलर का पद विज्ञापित किया गया है ।
इस पद के लिए देश भर से 46 आवेदन आए हैं । राज्य शासन ने आवेदन पत्रों की छानबीन के लिए तीन सदस्यीय सर्च कमेटी गठित कर दी है, जिसका अध्यक्ष अटल बिहारी बाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलगुरु (वीसी) प्रो. खेमसिंह डहेरिया को मनोनीत किया गया है । समिति के सदस्य हैं—मप्र प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति के अध्यक्ष डॉ रवींद्र कान्हेरे और जानेमाने लेखक, विचारक और तकनीकी एवं प्रबंधन सलाहकार प्रशांत पोल । सर्च कमेटी की एक बैठक हो चुकी है । अगली बैठक में तीन नामों का पैनल तैयार कर राज्य शासन को भेज दिया जाएगा ।
दौड़. में सबसे आगे विश्वविद्यालय के रेडियो कर्मवीर के केंद्र निदेशक प्रो. आशीष जोशी का नाम है, जो मुख्यमंत्री के क़रीबी हैं । जोशी लोक सभा टीवी के प्रधान संपादक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी रहे हैं और दिल्ली तथा गुजरात में उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए लंबे समय तक रिपोर्टिंग की है । पत्रकार विजय मनोहर तिवारी भी अग्रणी पंक्ति में हैं, क्योंकि संघ में उनकी तगड़ी पकड़ है । तिवारी ने इतिहास पर पुस्तकें लिखी हैं । वे मप्र के सूचना आयुक्त रहे हैं और वर्तमान में भारत भवन न्यास के सदस्य हैं । मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी के निदेशक और लंबे समय तक संघ की मासिक पत्रिका देवपुत्र के संपादक रहे डॉ. विकास दवे का नाम भी गंभीरता से विचारणीय है । आप साहित्य अकादमी, दिल्ली की कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं । एक समाचार पत्र के महाप्रबंधक नीरज पांडे भी क़तार में है और उन्हें भी संघ का आशीर्वाद प्राप्त है । वे संघ के एक आनुषंगिक संगठन के दायित्ववान कार्यकर्ता भी हैं । विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के प्रोफ़ेसर और भारतीय जनसंचार संस्थान नई दिल्ली के पूर्व महानिदेशक संजय द्विवेदी भी दावेदार हैं । वे कुलसचिव और कार्यवाहक कुलपति भी रह चुके हैं । विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो अविनाश वाजपेयी भी सूची में दर्ज हैं । विवि की प्रोफ़ेसर पी. शशिकला भी आवेदकों में सम्मिलित हैं ।
इस विश्वविद्यालय में इस वक़्त लगभग डेढ़ हज़ार छात्र छात्राएँ अध्ययन कर रहे हैं । विश्वविद्यालय से जुड़े देश भर के 1600 अध्ययन केंद्रों को भी जोड़ लिया जाए, तो यह संख्या 175000 हो जाती है । यहाँ 35 विषयों का पाठ्यक्रम स्वीकृत है । विश्वविद्यालय का है या 50 एकड़ में फैला परिसर है । याने 58 लाख वर्गफुट ।
(जनसंदेश टाइम्स, लखनऊ से साभार)