Why is milk offered on Shivling: भगवान शिव के निराकार स्वरूप शिवलिंग पर दूध, घी, शहद, दही, जल आदि अर्पित किया जाता है। पौराणिक कारणों के अनुसार शिवजी ने हलाहल नामक विष पी लिया था जिससे उनका शरीर तपने लगा।
इसी तपन को दूर करने के लिए उन्हें उपरोक्त वस्तुओं से उनका अभिषेक किया गया। तभी से ही शिवलिंग पर दूध चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है। कहते हैं कि दूध भोले बाबा का प्रिय है और उन्हें सावन के महीने में दूध से स्नान कराने पर सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। लेकिन इसका साइंटिफिक कारण भी है।
शिवलिंग पर दूध चढ़ाने का साइंटिफिक कारण- Scientific reason for offering milk on Shivling:-

1. कहते हैं कि शिवलिंग एक विशेष प्रकार का पत्थर होता है। इस पत्‍थर को क्षरण से बचाने के लिए ही इस पर दूध, घी, शहद जैसे चिकने और ठंडे पादार्थ अर्पित किए जाते हैं।

2. अगर शिवलिंग पर आप कुछ वसायुक्त या तैलीय सामग्री अर्पित नहीं करते हैं तो समय के साथ वे भंगुर होकर टूट सकते हैं, परंतु यदि उन्हें हमेशा गीला रखा जाता है तो वह हजारों वर्षों तक ऐसे के ऐसे ही बने रहते हैं। क्योंकि शिवलिंग का पत्‍थर उपरोक्त पदार्थों को एब्जॉर्ब कर लेता है जो एक प्रकार से उसका भोजन ही होता है।

3. शिवलिंग पर उचित मात्रा में ही और खास समय पर ही दूध, घी, शहद, दही आदि अर्पित किए जाते हैं और शिवलिंग को हाथों से रगड़ा नहीं जाता है। यदि अत्यधिक मात्रा में अभिषेक होता है या हाथों से रगड़ा जाता है तो भी शिवलिंग का क्षरण हो सकता है। इसीलिए खासकर सोमवार और श्रावण माह में ही अभिषे करने की परंपरा है।