सनातन धर्म में माघ महीने के पूर्णिमा का बहुत महत्व है. इसे माघी पूर्णिमा भी कहते है. इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के पूजन का विधान है.इसके अलावा गंगा स्नान और दान का भी विशेष महत्व है. बताते चलें कि शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि को देव तिथि माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि इन दिन देवता धरती लोक पर स्नान के लिए आते है. इसलिए इस दिन गंगा या पवित्र नदी में डुबकी जरूर लगानी चाहिए.

काशी के विद्वान और ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस बार माघ पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 23 फरवरी को दोपहर 3 बजकर 33 मिनट से होगी जो 24 जनवरी को शाम 4 बजकर 52 मिनट तक रहेगा. ऐसे में उदयातिथि के हिसाब से 24 फरवरी शनिवार को माघ पूर्णिमा मनाई जाएगी.

ऐसे करें माघी पूर्णिमा की पूजा
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस दिन श्रीहरि विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए का दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए और फिर श्री हरि विष्णु के मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके बाद पूजा स्थान की सफाई कर विष्णु और लक्ष्मी जी की प्रतिमा स्थापित कर षोडशोपचार विधि से उनकी पूजा करनी चाहिए. इस दौरान वस्त्र, पुष्प, चंदन आदि अर्पण कर उनकी पूजा करनी चाहिए .इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है और उनका आशीर्वाद मिलता है.

दान से कटेंगे पाप
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि इस दिन जरूरतमंदो को दान जरूर करना चाहिए. गंगा स्नान के बाद इन दिन अनाज और फल के दान से जीवन के सभी कष्ट दूर होतें है.इसके अलावा पापों का शयन भी होता है.