टोक्यो । अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन बृहस्पतिवार को जापान पहुंचे और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा का अभिवादन करते हुए कहा कि जब हमारे देश एक साथ खड़े होते हैं, तो हम मजबूत खड़े होते हैं, यह संकेत है कि दोनों देशों के बीच आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा गठबंधन कैसे बढ़ा है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपनी टिप्पणी की शुरुआत में इस बात का उल्लेख किया कि किशिदा ने जनवरी में वाशिंगटन के दौरे के दौरान कहा था कि दुनिया ने हाल के इतिहास में सबसे जटिल सुरक्षा वातावरणों में से एक का सामना किया। बाइडन ने कहा कि मैं इस पर आपसे सर्वथा सहमत हूं।
किशिदा ने शुक्रवार से शुरू होने वाले ‘ग्रुप ऑफ सेवन’ (जी-7) शिखर सम्मेलन से पहले अपनी बैठक में बाइडन को अमेरिका के साथ जापान के संबंधों के बारे में बताते हुए कहा कि हम बहुत स्वागत करते हैं कि सहयोग बहुत तेजी से बढ़ा है। हिरोशिमा किशिदा का पैतृक शहर है और यहीं जी-7 शिखर सम्मेलन आयोजित हो रहा है। यही वह स्थान है, जहां 1945 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अमेरिका ने परमाणु बम गिराया था और अब इसी स्थान से अमेरिका, जापान तथा सहयोगी देश यूक्रेन पर रूस के हमले पर रणनीतिक विचार विमर्श करेंगे।
कर्ज की सीमा कैसे बढ़े इसे लेकर देश में विभाजित राय के प्रबंधन की कोशिश में जुटे बाइडन विश्व मंच पर पेश हो रहे हैं। उन्होंने एशिया की आठ दिवसीय यात्रा को छोटा करने का विकल्प चुना, ताकि वह जून में संभावित कर अदायगी चूक से बचने की कोशिश करने के लिए वाशिंगटन लौट सकें। अमेरिका कर्ज के भुगतान में चूकता है तो वैश्विक अर्थव्यवस्था में इसका विपरीत असर पैदा हो सकता है। यह दर्शाता है कि कैसे अमेरिका की अंदरुनी राजनीति वैश्विक मंच तक फैल सकती है।
‘एयरफोर्स वन’ में सवार अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि रूसी आक्रमण का मुद्दा अहम है और इस पर शिखर सम्मेलन में बातचीत प्रमुखता से होगी। उन्होंने कहा कि नेता मॉस्को के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों को मजबूत करने के लिए युद्ध के मैदान में स्थिति और खामियों को दुरुस्त करने पर चर्चा करेंगे। सुलिवन ने कहा कि बाइडन और किशिदा, पिछले दो वर्षों के दौरान सैन्य, आर्थिक और जलवायु मामलों पर समन्वय को मजबूत करने के साथ इस दौरान अग्रोन्मुखी रिश्ते को और आगे ले जाने का लक्ष्य रख रहे हैं।